कोरबा,15 फरवरी । जिला कांग्रेस में पदाधिकारी रहे भूषण प्रसाद तिवारी पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया है। जमीन बिक्री करने का सौदा करने के बाद इसके एवज में 5 लाख रुपए लेने और जमीन के सरकारी निकल जाने पर रुपए वापस नहीं लौटाए जाने के मामले में यह कार्रवाई हुई है। भूषण प्रसाद ने उक्त भूमि खुद की होना बताया है जो शुरू से रिकार्ड में उसके नाम पर दर्ज रही है। लिपिकीय त्रुटि से निजी जमीन सरकारी दर्शित होने का तर्क दिया है।
इस मामले के पीडि़त विनय कुमार अग्रवाल पिता सीताराम अग्रवाल निवासी सत्यम विहार कालोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराया है कि पुरानी बस्ती निवासी भूषण प्रसाद तिवारी ने उसे शारदा विहार मेन रोड में स्वयं की निजी स्वामित्व व कब्जे की जमीन होना बताया जिसे बेचना चाहता है। उक्त जमीन ले जा कर मौके पर दिखाने तथा दस्तावेजों का अवलोकन कराने पर खसरा नंबर 345/1 रकबा 1.28 एकड़ भूमि निजी बता कर सौदा तय किया। 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर लिखा-पढ़ी में 4 करोड़ 80 लाख रुपए में सौदा तय हुआ और इकरारनामा 9 जुलाई 2020 को निष्पादित कर अग्रिम राशि 5 लाख रुपए की लिखा-पढ़ी की गई। इशान ट्रैव्हल्र्स प्रो. गोविंद कुमार गंगवानी के बैंक के 2 चेक के माध्यम से 5 लाख रुपए दिया गया।
इसके बाद बैंक खाते में कुछ समस्या आना बता कर भूषण तिवारी ने नगद रकम मांगी तब गोविंद कुमार गंगवानी के खाते से एक लाख रुपए यूपीआई ट्रांसफर किया गया। 3 लाख 25 हजार रुपए नगद दिया और पुन: 75 हजार रुपए गंगवानी के द्वारा ट्रांसफर किया गया। रुपए देने के एक माह बाद जमीन का सीमांकन व रजिस्ट्री की बात पर टाल मटोल किया जाने लगा। संदेह होने पर जब विनय कुमार ने पटवारी व आरआई से जानकारी ली तो 345/1 की भूमि पूर्व से शासकीय भूमि होने का पता चला। इस पर भूषण तिवारी ने राजस्व अभिलेखों में त्रुटि होना व सुधार करा कर रजिस्ट्री कराने की बात कही किंतु कोई हल नहीं निकला। अंतत: विनय कुमार की रिपोर्ट पर कोतवाली में भूषण प्रताप तिवारी के विरूद्ध धारा 420 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।
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