बिलासपुर,10 फरवरी । छत्तीसगढ़ का पारंपरिक व्यंजन बड़ी व बिजौरी का स्वाद बेहद लाजवाब होता है। अभी घर-घर में इसे बनाने का दौर चल रहा है। बिजौरी को भोजन के साथ सर्व करने के अलावा साधारण भी स्नैक्स के तौर पर खाया जाता है। इसे बेहद चाव से खाया जाता है। वहीं भोजन में बड़ी की सब्जी मिल जाए तो किसी और चीजों की आवश्यकता नहीं रहती।
छत्तीसगढ़ में बड़ी रखिया, कुम्हडा, मूली व पपीता से बड़ी बनाई जाती है। इसे बनाने में थोड़ा समय लग सकता है। लेकिन, एक बार की इस मेहनत से आप कई बार सब्जी या कढ़ी बना सकते हैं। अभी अधिकांश घरों की छत पर इन दोनों पारंपरिक व्यंजन को देखा जा सकता है। दरअसल इसे तैयार करने के बाद कड़ी धूप में कम से तीन से पांच दिन तक सुखाना पड़ता है। सूखने के बाद बिजौरी को तेल में तलकर खाया जाता है। भोजन में यदि बिजौरी है तो पापड़ की आवश्यकता नहीं पड़ती। वहीं बड़ी की सब्जी को हर घर में पसंद किया जाता है।
कुछ महिलाएं तो बड़ी-बिजौरी के व्यवसाय से जुड़कर खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है। ज्यादातर महिलाएं इसे घर के लिए बनाती है। इसका स्वाद घर के बच्चों से बुजुर्गों को पसंद है। उनकी ही डिमांड पर महिलाएं इसे खासतौर पर बनाती हैं। बड़ी का आकार लड्डू की तरह होता है। इसे सुखाने का भी खास तरीका है। बांस के पर्रे के ऊपर कपड़े को बांधा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि यह सूखने के बाद आसानी से निकल जाते हैं।
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