भक्तों की भीड़ ने छीन ली रामलला की चैन, दर्शन से पहले जरूर पढ़ें ये अपील…

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से हर रोज लाखों की संख्या में भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. भक्तों की भीड़ की वजह से अयोध्या की सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं.

होटल से लेकर रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर हर जगह भक्त ही भक्त नजर आ रहे हैं. ऐसे में भीड़ से रामलला को भी परेशानी होने लगी है. रामलला की इस परेशानी को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने बेहद खास अपील की है. ऐसे में अगर आप भी अयोध्या दर्शन के लिए जाने की योजना बना रहे हैं तो पहले ये पूरी खबर जरूर पढ़ लीजिए.

दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय का कहना है कि अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं के सैलाब के मद्देनजर हर दिन 14 घंटे दर्शन की व्यवस्था जारी है, लेकिन कई लोगों का मानना है कि पांच साल के बालक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान राम को बीच-बीच में अच्छी तरह विश्राम की भी आवश्यकता है.

14 घंटे दर्शन की व्यवस्था


राय बृहस्पतिवार को इंदौर में थे. उन्होंने कहा कि फिलहाल अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने मंदिर में हर रोज करीब एक लाख लोग आ रहे हैं और श्रद्धालुओं का भारी दबाव घटाने के लिए 24 जनवरी के बाद से इस देवस्थान में हर रोज 14 घंटे दर्शन की व्यवस्था चल रही है. उन्होंने कहा कि अनेक लोगों का कहना है कि भगवान के बालक रूप को बीच में अच्छी तरह विश्राम की जरूरत है. आप भी सोचिए कि भगवान के बालक रूप को 14 घंटे जगाना कितना व्यावहारिक है?

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के ऊपरी तलों, आयताकार परकोटे और इस परिसर के अन्य देवालयों का निर्माण किया जाना बाकी है और मंदिर का सारा काम संभवतः वर्ष 2025 के मध्य या 2025 की समाप्ति तक पूरा होने का अनुमान है. ‘रामलला के पटवारी’ के रूप में प्रसिद्ध राय ने कहा कि राम मंदिर का शेष निर्माण कार्य उचित तालमेल बनाकर कुछ इस तरह पूरा किया जाएगा कि भक्तों को भगवान के दर्शन में कोई भी परेशानी न हो.

उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर के शेष निर्माण कार्य और श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के दर्शन में कोई भी बाधा न हो. इसके लिए हम इंजीनियरों के साथ बैठेंगे और सोच-समझकर फैसला करेंगे. न्यास महासचिव ने कहा कि अयोध्या में बड़ी तादाद में आ रही गाड़ियों की पार्किंग और श्रद्धालुओं के लिए किफायती किराये वाली जगहों का इंतजाम किया जाना बेहद आवश्यक है.

ज्ञानवापी पर बोले चंपत राय


राय, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के कानूनी मसले में आ रहे मोड़ों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस विषय में अभी कुछ भी नहीं सोचते. मेरी दृष्टि बहुत स्पष्ट है. मैं समाज के किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचा रहा हूं लेकिन दोपहर का खाना जब पच जाए, तब शाम को भोजन करना चाहिए, वरना कुपच हो जाता है.

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