महाराष्ट्र का रत्नागिरी है हल्की सर्दियों में घूमने की बेहतरीन जगह, नेचर लवर्स के लिए है यहां ढेरों ऑप्शन्स

महाराष्ट्र का रत्नागिरी सिर्फ अल्फांसो आम और मछली उत्पादन के लिए ही नहीं मशहूर, बल्कि ये घूमने के लिए भी बेहतरीन जगह है। तरह-तरह के औषधीय पेड़, समुद्र तट और चारों ओर फैली हरियाली इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती है। महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में स्थित रत्नागिरी एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर पर्वत से घिरा हुआ है। साल के ज्यादातर महीने यहां का मौसम सुहावना होता है। रत्नागिरी में नेचर लवर्स के लिए तो ढे़रों ऑप्शन्स है ही, लेकिन अगर आप भारत के समृद्ध इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं, तो उस लिहाज से भी ये जगह काफी खास है। ऐसा माना जाता है कि पांडव अपने अज्ञातवास के 13वें साल में रत्नागिरी के आसपास ही रूके थे।

रत्नागिरी में घूमने लायक जगहें

गणपतिपुले

रत्नागिरी मुख्य रूप से भगवान गणपतिपुले के 400 साल पुराने स्वयंभू मंदिर के लिए जाना जाता है। ऐसा मानते हैं कि लगभग 600 साल पहले यहां के गांव के मुखिया को केवड़े के वन में एक शिला को खोदने पर गणेश जी की ये मूर्ति मिली थी। यह भारत के अष्ट गणपति मंदिरों में से एक है और इसे पश्चिम देवर देवता के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए।

आरे-वारे बीच

आरे-वारे जुड़वां समुद्र तट हैं। एक तरफ आरे है, जिसका मतलब है आइए आपका स्वागत है, बीच में पुल है और दूसरी तरफ वारे, जिसका मतलब हम आप पर वारे जाएं। समुद्र बीच पर कहीं काली रेत है, तो कहीं सफेद और हर तरफ ताड़ के पेड़। जो इसकी खूबसूरती को दोगुना करते हैं। ये बीच बेहद साफ-सुथरा है। यहां के पानी में आप अपना चेहरा भी देख सकते हैं।

रत्नदुर्ग किला

यह शिवाजी का ऐतिहासिक दुर्ग है। इसके अंदर भगवती का मंदिर है, जिस वजह से इसे भगवती किला भी कहा जाता है। 120 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में फैला यह किला बहमनी काल में बनाया गया था। साल 1670 में शिवाजी महाराज ने बीजापुर के आदिल शाह से इसे जीता था। अरब सागर और रत्नागिरी बंदरगाह पर यहां से नजर रखी जा सकती है।

कब जाएं?

यहां घूमने के लिए अक्टूब से मार्च तक का महीना बेस्ट होता है। 

कैसे जाएं?

यहां पहुंचने का सबसे निकटतम हवाई अड्डा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक है।

निकटतम रेलवे स्टेशन कोंकण है।

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