कोरबा में देसी-विदेशी कबूतरों की फौज:पक्षियों को दाना खिलाने के बाद खुद ब्रेक फास्ट करते हैं बबलू, बचपन से कबूतर पालने के शौकीन

कोरबा,07 फरवरी I मानिकपुर रहने वाले बबलू कुमार मारवा कबूतरों के बड़े शौकीन हैं। बबलू के पास कई विदेशी कबूतरों की ब्रीड मौजूद है। जर्मन ब्रीड ब्यूटी वूमर से लेकर फेंटल और मसकली कबूतर भी बबलू के नायाब कलेक्शन में शामिल हैं। बबलू ने देशी कबूतरों के साथ-साथ विदेशी ब्रीड के कबूतरों का कलेक्शन करना भी शुरू कर दिया.आज बबलू के पास 5 से ज्यादा विदेशी नस्ल के कबूतर मौजूद हैं। देशी विदेशी कबूतरों को रखना इतना आसान काम भी नहीं है।

देशी कबूतरों के साथ-साथ विदेशी ब्रीड के कबूतरों का कलेक्शन

बबलू के पास बुखारा ब्रीड का एक कबूतर

मल्टीविटामिन वाले दानों की गोलियां लाकर इनको खिलाया जाता है, ताकि इनकी सेहत अच्छी रहे। बबलू के पास बुखारा ब्रीड का एक कबूतर है, जिसके सिर पर चोटी से बाल होते हैं। आंखों के ऊपर जब इनके बाल आ जाते हैं, तो उनकी ट्रीमिंग भी करनी पड़ती है।

विदेशी ब्रीड के कबूतरों का कलेक्शन

समय पर कबूतरों का वैक्सीनेशन भी

रेसिंग वूमर नाम का एक कबूतर भी इस कलेक्शन में शामिल है, जो 500 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी जगह पर पहुंच जाता है। रेसिंग वूमर ब्रीड के कबूतर का दिमाग काफी तेज माना जाता है। कबूतरों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए समय समय पर इनका वैक्सीनेशन भी किया जाता है।

रेसिंग वूमर ब्रीड के कबूतर

कबूतरों को मल्टीविटामिन और न्यूट्रिशनल फूड भी दिया जाता है

कबूतरों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इनको मल्टीविटामिन और न्यूट्रिशनल फूड भी दिया जाता है। सुबह 7 बजने से लेकर रात के 7 बजे तक बबलू इन कबूतरों की सेवा में लगे रहते हैं। कबूतरों को दाना खिलाने के बाद ही बबलू अपना ब्रेक फास्ट करते हैं।

बबलू ने बताया की कबूतरों को पालने का शौक महंगा है। कबूतरों को देखने बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचते हैं। कबूतर का शौक रोजगार का भी साधन बन गया है। एक दौर था, जब पक्षी संदेश वाहक का काम करते थे। एक जगह से दूसरी जगह संदेश पैर में बांधकर पहुंचा देते थे।

कबूतरों को बॉलीवुड में भी अच्छी जगह मिली, चाहे फिल्म मैंने प्यार किया हो या दिल्ली 6 में मसकली, कबूतर पर कई गाने फिल्माए गए, जो हिट हुए। समय के साथ अब पक्षियों की जगह मोबाइल और टेक्नोलॉजी ने लिया।

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