उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC ड्राफ्ट को दी मंजूरी, 6 फरवरी को बिल असेंबली में पेश होने की संभावना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में सीएम आवास पर कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC रिपोर्ट (UCC Report) को मंजूरी दे दी है. यूसीसी बिल (UCC Bill) को 6 फरवरी को असेंबली में पेश किए जाने की संभावना बनी हुई है.

उत्तराखंड में कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस बार बजट के संग यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट भी सदन में रखा जाएगा. सीएम पुष्कर सिंह धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार की मंशा पहले से ही साफ कर चुके हैं. इस बिल को राज्य सरकार  के 5 पांच सदस्यीय पैनल ने शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी का मसौदा सौंपा था. इसके बाद सरकार की कानूनी टीम पैनल की सिफारिशों का अध्ययन कर रही थी.

सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई

गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित सचिवालय में शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इसमें कुल 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. CM धामी ने कैबिनेट बैठक के बाद यूसीसी पर कहा था कि राज्य सरकार ने जो वादे किए हैं, उसे पूरा करने की कोशिश होगी. समान नागरिक कानून (यूसीसी) को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है. अभी ड्राफ्ट का परीक्षण भी होना है. 

पांच सदस्यीय स​मिति गठित हुई

उत्तराखंड में यूसीसी को तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय स​मिति गठित हुई. इसकी अध्यक्षता न्यायाधीश रंजना देसाई कर रहे थे. उन्होंने यूसीसी का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 2 फरवरी को सौंपा. इस अवसर पर सीएम धामी ने कमेटी का आभार व्यक्त किया. 5 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र आरंभ किया गया है. इसके बाद छह फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को सदन पटल पर रखा जाएगा. 

सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पर पूरी तरह से प्रतिबंधित

उत्तराखंड को लेकर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक पर समान आधार व प्रक्रियाएं होने की बात कही गई है. यूसीसी के जुड़े कानून पारित करने को लेकर 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. आयोग की सिफारिश है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत अधिकार देना होगा. इसके साथ विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा. लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु को बढ़ाया जाएगा.