महिला समूह के सदस्यों ने परियोजना अधिकारी पर 15 लाख रूपये रिश्वत लेकर रेडी टू ईट में काम नहीं देने का आरोप लगाया

0.महिला समूहों ने लगाया परियोजना अधिकारी पर आरोप,कलेक्टर से महिलाओं ने की शिकायत…अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

कोरबा,03 फरवरी । महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालित योजनाओं का विवादों के पुराना नाता रहा है। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के पांच महिला समूह के सदस्यों ने कटघोरा के ब्लाक परियोजना अधिकारी मनोज अग्रवाल पर 15 लाख रूपये रिश्वत लेकर रेडी टू ईट में काम नहीं देने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में करते हुए महिलाओं ने राशि वापस कराने व अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।महिला बाल विकास विभाग में रेडी टू इट बनाने के लिए काम देने के नाम पर किस तरह से रिश्वत खोरी की गई यह अब खुलकर सामने आ रहा है।

वर्ष 2021 में कोरबा शहरी परियोजना में कार्यरत परियोजना अधिकारी मनोज अग्रवाल ने रेडी टू ईट पोषण बनाने के के लिए काम देने के एवज में पांच समूहों से तीन-तीन लाख रूपये रिश्वत लिया। जिन समूहों से राशि ली गई है उनमें मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह बैरा, स्पा महिला स्व-सहायता समूह लैंगा, जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह कर्री, मातिन दाई स्व-सहायता समूह नवापारा व गायत्री स्व-सहायता समूह अमलीकुंडा शामिल है। समूह से जुड़ी चंद्रकला तंवर, रूपवती वाकरे व लीलावती मरावी शिकायत लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंची थी।महिलाओं ने बताा कि मई 2021 में कोरबा शहर के तात्कालिन परियोजना अधिकारी मनोज अग्रवाल ने रेडी टू इट पोषण आहार बनाने के नाम पर प्रत्येक समूह से तीन-तीन लाख रूपये लिए। राशि प्रदान किए जाने के बाद भी उन्हे काम नहीं दिया गया। महिलाओं ने बताया कि काम दिलाने के नाम पर अग्रवाल की ओर से केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा।

तात्कालीन समय में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद प्रकाश किसपोट्टा को भी समस्या से अगवत कराया गया लेकिन उन्होने पुन: मनोज अग्रवाल से बात करने की सलाह दी। महिलाओं ने बताया कि मनोज अग्रवाल वर्तमान में कटघोरा विकासखंड में परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। राशि वापस करने के लिए समूह की महिलाएं उनसे कई बार निवेदन कर चुकी हैं। अभी तक उन्हे राशि वापस नहीं की गई है। महिलाओं ने कलेक्टर अजीत वसंत को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि वे वनांचल क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं हैं। महिलओं अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ राशि वापस दिलाने की मांग की है। वही मनोज अग्रवाल, परियोजना अधिकारी, कटघोरा का कहना है ,मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। जिन महिलाओं ने प्रशासन में शिकायत की है मैं उन्हे जानता भी नहीं नहीं हूं।

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