रेलवे ने भनवारटंक टनल में किया बड़ा बदलाव, वाई-फाई कालिंग और हाई स्पीड नेटवर्क की स्थापना

बिलासपुर,03 फरवरी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर भनवारटंक टनल है। भनवारटंक-खोडरी सेक्शन पर यह टनल 117 साल से मजबूती के साथ खड़ा है। घने वन और पहाड़ों के बीच अंधेरी गुफा का रोमांच यात्रियों को आनंदित कर देता है। यह सफर अब और सुरक्षित व आसान होगा। रेलवे ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिये वाई-फ़ाई कालिंग की सुविधा देगा।

बिलासपुर-कटनी रेल रुट पर छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश के रीवा, सतना, कटनी, मैहर, चित्रकोट से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ता है। बिलासपुर और कटनी के बीच की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है, लेकिन सफर का असली आनंद और रोमांच इसी बीच आता है। इस रूट का बड़ा हिस्सा घने वन और पहाड़ों के बीच से गुजरता है। इसी रूट मे भनवारटंक भी आता है। यह टन अंग्रेजों के दौर में 1907 में बना था, लेकिन आज भी यह पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। बिलासपुर मंडल में आना वाला भनवारटंक-खोडरी सेक्शन 100 साल से भी अधिक पुराने व सर्वाधिक जटिल माना जाता है।

विषम परिस्थितियों के कारण इस रूट पर उचित संचार माध्यम की अनुपलब्धता दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए कई वर्षों से चुनौती रही है। डबल लाइन से युक्त इस सेक्शन में चढ़ाई, घने जंगल तथा अन्य कारणों से किसी भी प्रकार का ब्रेकडाउन होने की स्थिति में संचार का उचित माध्यम नहीं होने से पहली सूचना मिलने में लंबा समय लग जाता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा एक अनूठा पहल करते हुए इस सेक्शन में मौजूद भनवारटंक डाउन लाइन टनल के पास एक गुमटी में आप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए वाई-फ़ाई कालिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

हाई स्पीड नेटवर्क की स्थापना

मौजूदा समय में स्मार्टफोन में मोबाइल नेटवर्क अनुपलब्ध होने की स्थिति में भी वाई-फ़ाई के जरिये वाइस कालिंग तथा अन्य प्रकार का संचार आसानी से संभव होता है। इसी तकनीक का उपयोग कर रेलवे ने अपने नेटवर्क को दुर्गम पहाड़ियों के बीच बेहद कम समय में सेक्शन के रेलवे कर्मचारियों द्वारा उपलब्ध इंजीनियरिंग गुमटी तक पहुंचाया एवं 15 दिन से भी कम समय में यहां पर हाई स्पीड नेटवर्क की स्थापना की।

ब्रेकडाउन की जानकारी अब झटपट

गुमटी में 30 मीटर के दायरे में जो की इस दुर्गम भनवारटंक-खोडरी सेक्शन के बीचों बीच डाउन लाइन में टनल के समीप स्थित है। वहां सीधे मोबाइल से संपर्क स्थापित किया जा सकता है न केवल वाइस कॉलिंग बल्कि वाट्सएप एवं अन्य एप का उपयोग कर सीधे साइड से सभी जानकारी आसानी से साझा की जा सकती है। ब्रेकडाउन की जानकारी जल्दी मिलने से विफलताओं को त्वरित ठीक किया जा सकेगा। इससे परिचालन को आसानी से सुचारू किया जा सकेगा।

डीआरएम ने किया पुरस्कृत

इस सुविधा की उपलब्धता से इस सेक्शन से गुजरने वाली गाड़ियों की समयबद्धता बेहतर होगी एवं यात्रियों को होने वाली असुविधा में कमी आएगी। संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा किए गए इस अनूठे कार्य के लिए मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय ने प्रशंसा की। साथ ही इस कार्य में सम्मिलित अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया।