ऑफशोर विंड एनर्जी के लिए बजट में वायबिलिटी गैप फंडिंग का स्वागत : गगन सिद्धु

रायपुर ,01 फरवरी । भारत के नेट-जीरो लक्ष्य को पाने के उपाय के तौर पर ऑफशोर विंड एनर्जी के लिए बजट में वायबिलिटी गैप फंडिंग (व्यवहार्यता अंतर के वित्तपोषण) की घोषणा की गई है। सीईईडब्ल्यू सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस के डायरेक्टर गगन सिद्धु इस घोषणा स्वागत करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ने के लिए कुछ सहायता की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के विश्लेषण के अनुसार, भारत को 2070 तक अपने नेट-जीरो लक्ष्य को पाने के लिए 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की जरूरत है, जिसके 65 प्रतिशत हिस्से को पारंपरिक स्रोतों से जुटाया जा सकता है। लेकिन शेष 35 प्रतिशत हिस्से के लिए विभिन्न तरह के हस्तक्षेपों (या उपायों) की जरूरत होगी।

इसके अलावा, एक उत्पादन स्रोत के रूप में पवन ऊर्जा हमारी लघु अवधि की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) के अपने आकलन के अनुसार, देश में बिजली मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए पवन ऊर्जा को 2030 तक अपनी मौजूदा 44.7 गीगावॉट क्षमता को दोगुना तक बढ़ाते हुए 100 गीगावॉट करना होगा।

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