Chhattisgarh : वन विभाग का नया तोहफा, नेचर कैंप में अब उठा सकेंगे नौकायन का आनंद

बिलासपुर, 23 जनवरी । वन विभाग की पहल पर यहां नई सुविधाओं की शुरुआत कर दी गई है। नेचर कैंप पहुंचने वाले पर्यटक अब नौकायन का भी आनंद उठा सकेंगे। नौका विहार में बोटिंग व कयाकिंग को शामिल किया गया है। इन सुविधाओं से गगनई बांध की पर्यटन के क्षेत्र में अलग पहचान बनेगी। सबसे अच्छी बात है कि यहां जितनी भी सुविधाएं मिलेंगी, उनका संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा। इससे स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मरवाही वन मंडल लगातार प्रयास कर रहा है। मरवाही वन परिक्षेत्र के अन्तर्गत साल्हेकोटा स्थित गगनई बांध के नेचर कैंप में नौकायन के रूप में नई सौगात मिली है। जब इसका शुभारंभ किया गया, तब सबसे पहले अफसरों ने नौकायन का ट्रायल कर खूबसूरत नजारे का भरपूर आनंद लिया। प्राकृतिक सुंदर का यह स्थल घने जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। गगनई डैम में नौकायन की सुविधा मिलने से पर्यटकों को सुखद आनंद की अनुभूति हो रही है। नौकायन का संचालन वन समिति और स्थानीय पर्यटन समिति द्वारा किया जा रहा है। वन विभाग का नेचर कैंप छह हेक्टेयर में फैला हुआ है। शासन ने जब नेचर कैंप की योजना बनाई थी, तब बिलासपुर के अलावा मरवाही वनमंडल का चयन किया गया था। इसके चारों तरफ हरियाली है। वहीं बीचों-बीच गगनई जलाशय है, जो बेहद सुंदर है। शुभारंभ के बाद से अब पर्यटक लगातार पहुंचकर नौकायन का लुत्फ उठा रहे हैं।

50 व 100 रुपये में भरपूर आनंद

वनमंडल ने संचालन की जिम्मेदारी समिति को सौंपने के साथ शुल्क का निर्धारण भी किया है, ताकि बोटिंग व कयाकिंग का बेहतर ढंग से संचालन किया जा सके। इसके अलावा मेंटेनेंस में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। बोटिंग का किराया 50 रुपये निर्धारित है। इस राशि को जमा कर पर्यटक 20 मिनट बोटिंग का मजा ले सकते हैं। इसी तरह कयाकिंग का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटकों को 100 रुपये देने होंगे।

वनमंडल ने 10 बोटिंग व कयाकिंग खरीदी है। आगामी दिनों में यहां पर्यटकों को और भी सुविधाएं देने की योजना है। इससे यह क्षेत्र पूरी तरह भ्रमण केंद्र बन सकेगा। वैसे भी नेचर कैंप भ्रमण करने के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों को यह जगह खूब पसंद आती है। सुविधाओं का विस्तार होने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, तो राजस्व भी बढ़ेगा। इससे इस क्षेत्र को और भी बेहतर ढंग से विकसित किया जा सकता है।