जबलपुर। झारखंड से आनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले ठगों ने रकम झटकने के लिए जबलपुर के डेढ़ सौ बैंक खातों की जानकारी ली थी। इन बैंक खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन होने पर पुलिस ने जांच का शिकंजा कसा तो ठगों के अंतरराज्यीय गिरोह का राजफाश हुआ। गिरोह से जुड़े सात आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का मास्टरमाइंड झारखंड के जामताड़ा का निवासी अकबर अहमद और सलीम अभी फरार हैं।
गिरोह के ये सात सदस्य गिरफ्तार
इफ्तकार, टेढ़ी नीम दुर्गा मंदिर के पास, हनुमातताल
मोहम्मद आसिफ, आजाद नगर पानी वाली तलैया, गोहलपुर
अजीत बेन, बजरंग नगर, रांझी
हेमंत पिल्ले, त्रिमूर्ती नगर, दमोहनाका
अरविंद यादव, ग्राम कछपुरा, गोसलपुर
आशीष कोरी, शाहनाला, तिलवारा
पीयूष खटीक, त्रिपुरी चौक, गढ़ा
ठगों ने जबलपुर में कमीशन पर एजेंट रखे थे
गिरोह में शामिल हनुमानताल थाना क्षेत्र में टेढ़ी नीम निवासी इफ्तेखार अहमद ने शहर में कमीशन पर एजेंट रखे थे। ये एजेंट कमीशन की लालच में लोगों को लोन और मुनाफा दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक डिटेल लेते थे। बैंक खातों की जानकारी इफ्तेखार अपने साले व गिरोह के मास्टरमाइंड अकबर अहमद को देता था।
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कुंडम थाने में अरविंद सिंह मार्कों ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके खाते से 10 जुलाई, 2023 को एक लाख रुपये की आनलाइन धोखाधड़ी हुई है। जांच की गई तो पता चला कि संबंधित रकम तिलवारा निवासी आशीष कोरी के बैंक खाते में ट्रांसफर हुई है।
खाताधारक ने 5 रुपए में बेचा खाता
आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने गढ़ा त्रिपुरी चौक निवासी पीयूष खटीक को पांच हजार रुपये में अपने खाते की डिटेल बेचने की जानकारी दी। पीयूष से पूछताछ की गई तो उसने आसिफ एवं इफ्तेखार को 10 हजार रुपये में आशीष का बैंक डिटेल देने की जानकारी दी।
16 हजार रुपए में ठगों को दिया खाता
आसिफ और इफ्तेखार से पूछताछ में हुए खुलासे के बाद पुलिस को ठगों के गिरोह का सुराग मिल गया। पूछताछ में दोनों आरोपित ने बताया कि उन्होंने आशीष के बैंक खाते की जानकारी को जामताड़ा निवासी अकबर और उसके दोस्त सलीम को 16 हजार रुपये में बेचा है। अब तक दोनों आरोपित जिले लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा बैंक खाते की जानकारी जामताड़ा में रहने वाले गिरोह को भेजी है। पुलिस अब गिरोह के दोनों मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। पुलिस जांच में जिन बैंक खातों से फर्जीवाड़े से करोड़ों रुपये के लेन-देन का पता चला है ये सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के हैं।
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