दिल्ली। 63वीं सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक भोपाल, मध्य प्रदेश में आयोजित की गई। बैठक वी.एल. कांथा राव, सचिव, खान मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। खान मंत्रालय के अपर सचिव संजय लोहिया, जीएसआई के महानिदेशक जनार्दन प्रसाद, विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य खनन और भूविज्ञान निदेशालय, पीएसयू, निजी खनन उद्योग के प्रतिनिधि, खनन संघ और अन्य हितधारकों ने महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया।
आगामी फील्ड सीज़न वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम को चर्चा के लिए बोर्ड के समक्ष रखा गया। आगामी वर्ष 2024-25 के दौरान जीएसआई ने वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 1055 वैज्ञानिक कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिसमें 392 खनिज विकास परियोजनाएं (जी2;जी3;जी4; और ऑफशोर एक्सप्लोरेशन) शामिल हैं, जिनमें निकट भविष्य में नीलामी योग्य खनिज ब्लॉक उत्पन्न करने की क्षमता है।
खनिज पूर्वाग्रह या खनिज खोज परियोजनाओं (आरएमटी; अनुसंधान परियोजना; सी-एमएपी; जीटी; एमपीए; मल्टीस्पेक्ट्रल/हाइपरस्पेक्ट्रल परियोजनाएं) वाली 133 परियोजनाएं जिनमें जी4 चरण में भविष्य की खोज के लिए आशाजनक क्षेत्र उत्पन्न करने की क्षमता है। अन्वेषण गतिविधि के अंतर्गत, रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों की खोज पर प्रमुख जोर दिया गया है। वर्ष 2024-25 के लिए इन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खनिज वस्तुओं जैसे आरईई, आरएम, ग्रेफाइट, लिथियम, वैनेडियम और पीजीई आदि पर कुल 188 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो पिछले वर्ष के लक्ष्य से लगभग 50% अधिक है।
इसके अलावा प्राकृतिक जोखिम अध्ययन/सार्वजनिक हित भूविज्ञान के तहत सामाजिक लाभ वाली 111 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें से 25 कार्यक्रम राज्य/आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के अनुरोध पर शुरू किए जा रहे हैं, जिनमें ज्यादातर प्राकृतिक खतरों को कवर करने वाले कार्यक्रम शामिल हैं और 43 कार्यक्रम विश्वविद्यालयों / एजेंसियां / आईआईटी, एनजीआरआई, डीआरडीओ, एनआरएससी-इसरो, हैदराबाद विश्वविद्यालय, एएसआई, सीजीडब्ल्यूबी जल शक्ति मंत्रालय, एसजेवीएनएल, एनडब्ल्यूडीए, भारतीय रेलवे, बीआरओ और राज्य सिंचाई विभाग जैसे विभिन्न प्राधिकरणों के प्रायोजन आदि के सहयोग के तहत हैं।
इसके अलावा, जीएसआई की एफएसपी वस्तुओं की मंजूरी, जोशीमठ टाउनशिप, चमोली जिला की भूवैज्ञानिक और भू-तकनीकी जांच पर रिपोर्ट का भी खान मंत्रालय के सचिव श्री वीएल कांथा राव ने उत्तराखंड सरकार को सौंपने के लिए अनावरण किया। इस अवसर पर जीएसआई के अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशनों के साथ अलग केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का भी विमोचन किया गया।
अपने संबोधन के दौरान, श्री वी.एल. कांथा राव ने खनन क्षेत्र में वैज्ञानिक सावधानी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जीएसआई और अन्य अन्वेषण एजेंसियों से अन्वेषण की गति बढ़ाने का आग्रह किया और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से एनएमईटी फंडिंग के माध्यम से अन्वेषण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में और अधिक आक्रामक होने का भी आग्रह किया। उन्होंने हितधारकों से सुचारू अन्वेषण प्रक्रिया के लिए एनजीडीआर पोर्टल में उपलब्ध भूविज्ञान डेटा का उपयोग करने का अनुरोध किया।
इस क्लाउड-आधारित पोर्टल के बारे में हितधारकों को जानकारी देने के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए नेशनल जियोसाइंस डेटा रिपोजिटरी (एनजीडीआर) पोर्टल के लिए दो घंटे का सत्र निर्धारित किया गया था, जो सभी पूर्व-प्रतिस्पर्धी बेसलाइन भूवैज्ञानिक और खनिज अन्वेषण डेटा की मेजबानी कर रहा था और इसे खनिज और खनन क्षेत्र के सभी प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध कराया गया था। इस रिपॉजिटरी को स्टार्ट-अप्स, निजी खनन कंपनियों और अन्य अन्वेषण एजेंसियों द्वारा विशाल डेटासेट, इलाके मॉडलिंग आदि के भीतर सूक्ष्म पैटर्न और संबंधों की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। निकट भविष्य में खनिज अन्वेषण की गति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की क्षमता रखता है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में वी.एल. कांता राव ने “खनन और उससे आगे” विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें जीएसआई, पीएसयू, डीएमएफ, प्रमुख खनन कंपनियां, निजी अन्वेषण एजेंसियां, स्टार्टअप, मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया। मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल), नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को), मिनरल एक्सप्लोरेशन कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) जैसे सार्वजनिक उपक्रमों ने इस प्रदर्शनी में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन किया। जहां एचसीएल, नाल्को और एचजेडएल जैसी कंपनियों ने आगंतुकों को अपने वीआर सिस्टम के माध्यम से खनन और खनिज प्रसंस्करण का अनुभव कराया, वहीं हिंडाल्को ने वीआर के माध्यम से टिकाऊ खनन की अपनी परियोजना का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में बाल्को और टाटा स्टील ने भी हिस्सा लिया। भोपाल के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों ने भी प्रदर्शनी का दौरा किया और खनन क्षेत्र का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
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