छत्‍तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भगवान राम को अभी भी वनवास, जानिए क्‍या है पूरा मामला

दंतेवाड़ा,20 जनवरी  अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे लेकर छत्‍तीसगढ़ सहित पूरे देश के मंदिरों में साफ-सफाई के साथ उसकी भव्‍य सजावट की जा रही है। लेकिन इस सब के विपरीत दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय का एक मात्र राम मंदिर इन सब चकाचौंध से दूर है।

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इस राम मंदिर में न तो कोई साज-सज्जा की गई है, न ही मंदिर में ढंग से लाइट जलती है। इतना ही नहीं मंदिर के लिए कोई पुजारी नहीं है, जो भगवान की रोज यहां पूजन-अर्चन कर सके। ऐसे में यहां के लोगों का कहना है, मंदिर में दिनभर ताला लगा रहता है। भगवान राम यहां वनवास की तरह ही बीते कई सालों से विराजमान है। अंवराभाटा स्थित राम मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित है। मंदिर के गुंबद की साफ-सफाई नहीं होने से काली पड़ गई है।

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धार्मिक नगरी में उपेक्षित है भगवान राम

दंतेवाड़ा को धर्म की नगरी भी कहा जाता है। उसी धर्म की नगरी में यहां बना वर्ष 2002 में बना भगवान राम का मंदिर उपेक्षित है। दंतेवाड़ा में भगवान राम का यह इकलौता राम मंदिर है। यहां दंतेश्‍वरी मंदिर, गायत्री पीठ, हनुमान मंदिर भी है। इन सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजन भी होते हैं। पुजारी भी नियुक्त है। मंदिरों की समितियां बनी हुई है, लेकिन पर भगवान राम के मंदिर के रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं है। दंतेश्‍वरी मंदिर में देश-विदेश से भक्त पहुंचते हैं, उसी नगर में भगवान राम उपेक्षित हैं।

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