कोरबा,19 जनवरी । सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि कोरबा एसईसीएल में कांग्रेस शासन के समय किसानो की भूमि अधिग्रहित करके उन्हें नौकरी व मुआवजा व पुनर्वास से वंचित करके कांग्रेस ने भू स्थापितों के साथ विश्वास घात किया है क्योंकि कांग्रेस की पूरे देश में यही नीति रही है कि चाहे वह सरहद हो ,चाहे उद्योग हो, चाहे भूमि हो सबको उलझा कर रखना उसका निराकरण नहीं करना किसान मजदूर गरीबों को परेशान करना यह पुरानी नीति रही है इस नीति के तहत wcl/secl के समय किसानों को भूमि अधिग्रहित करने के पश्चात उन्हें उलझा कर रख दिया गया कि स्वयं या उनके आने वाले पीढ़ी बेरोजगार बेघर होकर दर-दर की ठोकरे खाते रहे यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है ।
सिन्हा ने आगे बताया कि आज कोरबा में भू स्थापितों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस (UPA) के साथ मिलकर आंदोलन कर रही है आंदोलन की स्थिति निर्मित क्यों हुई जब कांग्रेस शासन में भू विस्थापितों साथ न्याय करते तो आज आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ती कांग्रेस हमेशा किसान गरीब मजदूर विरोधी रही है और आगे भी रहेगी भू स्थापितों के समस्या को वर्षों पूर्व से लटका कर रख दिया जिसके चलते आज उन्हें न तो रोजगार मिल रहा है और रही पुनर्वास की व्यवस्था हो रही है इस तरह यहां के जनप्रतिनिधि कांग्रेस के प्रतिनिधित्व करने के बावजूद भू स्थापित की समस्या को अपने ही निजी स्वार्थ के लिए अपने ही सरकार के समय लटका दिया जिसका परिणीति सामने है पुनः कांग्रेस (UPA) भू स्थापितों का हक दिलाने के नाम पर ऐसे ऐसे हथकंडे अपना रही है जिससे आने वाले समय में भी भू स्थापितों को न्याय से वंचित रखने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
सिन्हा ने भू स्थापितों से अपील की है कि अपने न्याय के लिए पूरे दस्तावेज के साथ माननीय प्रधानमंत्री व कोयला मंत्री से एक प्रतिनिधिमंडल जाकर मिलकर अपनी व्यथा रखें समस्याओं का समाधान न होने पर माननीय न्यायालय में प्रमाण सहित दस्तावेज प्रस्तुत कर न्याय प्राप्त कर सकते हैं इसलिए कांग्रेस (UPA) के बहकावे में ना आए जिन्होंने भू स्थापितों अधिकारों को उलझा कर उन्हें बेरोजगार व बेघर किया हो ।
[metaslider id="347522"]