Korba News:मिठाई खासकर लड्डुओं की मांग कई गुना बढ़ गई है। मंदिरों में भोग-भंडारा रखने के लिए हलवाई कम भी पड़ रहे 

कोरबा । उत्सव में मुंह मीठा कराना भारत वासियों की सनातनी परंपरा रही है। 22 जनवरी को अयोध्याजी में रामलला के भव्य मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा का महाेत्सव देश भर में मनाया जाएगा। इसकी तैयारी में कोरबा के भक्त भी पीछे नहीं। ऐतिहासिक घड़ी में भोग-प्रसाद वितरण और भंडारा आयोजित करने भक्तों में बड़ी होड़ मची हुई है। इसका सीधा असर मिष्ठान्न प्रतिष्ठानों में देखा जा रहा। मिठाई खासकर लड्डुओं की मांग कई गुना बढ़ गई है। मंदिरों में भोग-भंडारा रखने के लिए हलवाई कम भी पड़ रहे हैं। इस वजह से श्रद्धालुओं को अन्य दिन की भी तिथि तय करनी पड़ रही है।अयोध्याजी में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले उस दिन के उत्सव के लिए मिठाई व लड्डू की बड़ी मांग आ रही है।

22 जनवरी को गांव-गांव में बांटने के लिए किलो मे नहीं बल्कि क्विंटल में मांग आ रहे हैं। तैयारी ये है कि युद्धस्तर पर मिठाई और लड्डू बन रहे हैं। मधु स्वीट्स पुराना बस स्टैंड के संचालक आकाश सिंघानिया ने बताया कि केवल उस एक तिथि के लिए ही बड़े पैमाने पर मीठा तैयार रखने के आर्डर आ रहे हैं। यह स्थिति किसी एक मिष्ठान की नहीं, बल्कि जिलेभर में भक्तों का मुंह मीठा कराने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। कई दुकानों में दूर-दराज के गांवों से लोग आर्डर लेकर मिष्ठान प्रतिष्ठानों में पहुंच रहे हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में प्रसाद बांटना चाहते हैं। यही कारण है जो पेड़े-मिठाइयों और खासकर लड्डू के लिए लगातार आर्डर मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा जिस मीठे की मांग आ रही है, उनमें बेसन के लड्डू शामिल हैं।

बेसन के लड्डू में पानी का इस्तेमाल नहीं होता है, जिससे लंबे समय तक उसका स्वाद नहीं बदलता। छोटे संस्थानों में भी पूर्व में जहां एक दिन में एक दुकान से करीब हजार लड्डू बिकते थे, महा उत्सव शुरू होने के बाद से अब एक दिन में दो से ढाई हजार और बड़े प्रतिष्ठानों में और ज्यादा लड्डू बिक रहे हैं। पहले जहां दुकानों में कम लोग काम करते थे, अब उनकी संख्या भी ज्यादा हो गई है। कई ऐसे भी दुकान हैं, जिन्होंने तय वक्त पर डिमांड पूर्ण न कर पाने की फिक्र में नया आर्डर लेना बंद कर दिया है और पुराने आर्डर को ही समय रहते पूरा करने की तैयारी की जा रही है।मेन रोड पुराना बस स्टैंड में संचालित मधु स्वीट्स के संचालक आकाश सिंघानिया का कहना है कि भोग-प्रसाद एक भक्त और भगवान के बीच की बड़ी मीठी कड़ी होती है। इसे तैयार करने में शुद्धता को पूरा ध्यान रखा जा रहा। सच्चे भक्त भले ही भीड़ के चलते अपने भगवान के दर्शन न कर पाए पर वह मंदिर की सीढ़ियों पर शीश नवाकर प्रसाद ग्रहण करना नहीं भूलता।

बल्कि यह कहा जाता है कि ईश्वर के दर से बिना प्रसाद लिए नहीं लौटना चाहिए। यही वजह है जो खास 22 जनवरी के लिए मीठे की डिमांड चरम पर है। सिंघानिया ने कहा कि आर्डर के अनुरूप उन्होंने भी अपनी तैयारी पूरी रखी है। उत्सव की घड़ी आने का हम सभी को बेसब्री से इंतजार है।राजदीप स्वीट्स टीपीनगर चौक के दीपेश कुमार सिंह ने बताया कि मीठा-पेड़ा और लड्डुओं की मांग तो आ ही रही है, दूसरी ओर मंदिरों में भोग-प्रसाद और भंडारा के लिए भी एडवांस बुकिंग करानी पड़ रही है।

सिंह ने कहा कि स्वयं उन्होंने ही मुड़ापार हेलीपेड स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में 22 जनवरी को खीर का प्रसाद वितरित करने का संकल्प लिया है। भक्तों का एक समूह खीर तो दूसरे समूह ने खिचड़ी भोग की सेवा प्रदान करने की जिम्मेदारी उठाई है। अब स्थिति यह है कि अलग-अलग समय पर बड़ी संख्या में भक्तों के भोग-प्रसाद वितरित करने की इच्छा जताई पर कई लोगों के लिए वक्त नहीं बचा। ऐसे में उन्हें 23 या 24 जनवरी को भोग वितरण करने दिन तय किया गया है।

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