सागर । बहरोल थाना क्षेत्र के पिडरुआ के तालाब में हत्या कर युवक के शव को फेंकने के मामले में पुलिस ने गांव की एक महिला और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक के महिला से अवैध संबंध थे। सारे गांव को इस बारे में पता चल गया था। महिला का पति भी शक करने लगा था। इसी को लेकर महिला ने अपने भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या कर उसके शव को तालाब में फेंक दिया था। दरअसल बहरोल थाना क्षेत्र के पिड़रुआ सागौरिया रोड पर स्थित तालाब में 12 जनवरी को गांव के ही 32 वर्षीय तुलसीराम प्रजापति का शव बोरे में बंधा हुआ मिला था, जिसके शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने शव को तालाब से निकालकर उसकी शिनाख्त कर हत्या का मामला कायम किया था।
हत्या का राजफाश करने के लिए एसडीओपी शिखा सोनी के निर्देश में बरायठा और बहरोल थाना पुलिस की एक टीम बनाई गई। पुलिस ने जांच में पाया कि तुलसीराम का संबंध गांव की ही सविता आदिवासी से था। पुलिस ने सविता से पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि काफी समय से तुलसीराम से उसके अवैध संबंध थे। सविता का तुलसीराम से मन भर गया था। दोनों के बारे में गांव वालों को भी पता चल गया था। सविता का पति भी शक करने लगा था। इसलिए सविता ने अपने भाई 19 वर्षीय हल्के भाई के साथ तुलसीराम को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। हत्या के तीन दिन पहले सविता अपने मायके सागर के साईखेड़ा चली गई, जिससे गांव वालों को शक न हो। 11 जनवरी को सविता अपने साथ एक चाकू लेकर गांव आई।
उसने शाम के समय तुलसीराम को मोतियाहार के जंगल में बुलाया। जहां उसने अपने मायके से लाया चाकू उसके पेट में घोंप दिया। तुलसीराम वहां से भागने लगा तो हल्के ने उसे पत्थर मारकर गिरा दिया, इसके बाद सविता ने तुलसीराम पर चाकू से कई वार किए, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। हत्या के बाद आरोपित भाई-बहन ने उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसके कपड़े उतारे और उसे बोरी में पत्थरों से भरकर पिड़रुआ के बाहर बने तालाब में फेंक दिया। आरोपितों ने उसके कपड़े, जूते एक थैले में भरकर उसके लोवर के नाड़े से थैला बांधकर उसे भी तालाब में फेंक दिया।
पत्नी भागने के बाद से बढ़ गई थी नजदीकियां
तुलसीराम ने छत्तीसगढ़, ओड़िसा से महिला को लाकर उससे शादी की थी, जो करीब डेढ़ साल पहले भाग गई थी, तभी से उसका सविता से संबंध हो गया। सविता भी किसी विश्वकर्मा का खेत ठेके पर लेकर अपने परिवार के साथ उसमें खेती करती थी। खेत में ही टपरा बनाकर वह रहती थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि हत्या के पहले अंतिम बार सविता के टपरे पर ही तुलसीराम को देखा गया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस अंधे कत्ल का राजफास करने में बहरोल थाना प्रभारी उप निरीक्षक सेवनराज पिल्लई, बरायठा थाना प्रभारी मकसूद खान, एएसआई नाथूराम दोहरे, प्रधान आरक्षक जयपाल सिंह, तूफान सिंह, वीरेंद्र कुर्मी, आरक्षक देवेंद्र रैकवार, महिला आरक्षक प्राची त्रिपाठी, नीरज पटेल सौरभ रैकवार, अमित शुक्ला की महत्त पूर्ण भूमिका रही।
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