भोपाल। चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय सभागार में श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास की प्रथम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि चित्रकूट सहित राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास किया जायेगा। इसके लिये पूरी कार्य योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जायेगा। चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास करके इसे भगवान राम के जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाया जायेगा। विद्वानों के परामर्श से राम वन पथ गमन के प्रमुख स्थलों का विकास किया जायेगा। चित्रकूट के दीवाली मेले तथा अमावस्या मेले में रामकथा और राम के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी एवं राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित करायें। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिष्चित करें।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भगवान कामतानाथ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य षीघ्र शुरू करायें। जिला पर्यटन संवर्धन परिषद को सक्रिय कर चित्रकूट में पर्यटन गतिविधियां संचालित करायें। अमावस्या मेले को पर्यटन कैंलेंडर में शामिल किया जायेगा। राम वन पथ गमन से जुड़े निर्माण कार्यों में लोक चेतना को शामिल करें। राम वन पथ गमन के प्रमुख स्थलों में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। राम वन पथ गमन मार्ग में मोटर साइकिल रैली जैसे आयोजन करके इससे आमजनता को जोड़ें। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के मंदिरों की पुस्तक का विमोचन किया। इसमें 155 प्रमुख मंदिरों के छायाचित्र तथा 6800 राम मंदिरों की जानकारी संकलित है। बैठक में प्रमुख सचिव धर्मस्व तथा संस्कृति शिवशेखर शुक्ला ने राम वन पथ गमन के लिये तैयार की गई कार्य योजना की जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश में राम वन पथ गमन मार्ग में 1450 किलोमीटर की दूरी शामिल है। इसमें 23 प्रमुख धार्मिक स्थल है। जिनमें सतना, पन्ना, कटनी, अमरकंटक, शहडोल, उमरिया आदि स्थल शामिल हैं।
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