अयोध्या। प्रायश्चित पूजन व कर्मकुटी पूजन के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सात दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो गया। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ़ अनिल मिश्र को बनाया गया है। मंगलवार को करीब तीन घंटे तक प्रायश्चित पूजा हुई। इसके बाद यजमान को सरयू स्नान कराया गया। मूर्ति निर्माण स्थल की भी पूजा हुई। चयनित मूर्ति का शुद्धीकरण करते हुए उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई है, यह पट्टी 22 जनवरी को खोली जाएगी।
प्रायश्चित पूजा दोपहर एक बजे विवेक सृष्टि परिसर में आचार्य अरुण दीक्षित के निर्देशन में शुरू हुई। इस दौरान मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्र ने सपत्नीक संकल्प लिया और पूजन शुरू किया। यह पूजन उस स्थल पर हुआ जहां रामलला की चयनित अचल मूर्ति का निर्माण किया गया है। पूजन के दौरान मूर्तिकार अरुण योगीराज भी मौजूद रहे। प्रायश्चित पूजा भगवान से क्षमा और यजमान के शुद्धीकरण के लिए होती है। प्रायश्चित पूजा के माध्यम से रामलला से क्षमा मांगी गई। ये क्षमा मूर्ति बनाने के दौरान छेनी-हथौड़ी या किसी भी वजह से उन्हें जो चोट लगी होगी, उसके लिए मांगी जाती है। इसके बाद कर्मकुटी पूजन की प्रक्रिया हुई। इस पूजन के बाद ही मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम की शुरुआत होती है।
यजमान को कराया गया दशविधि स्नान
पूजन के बाद मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्र सरयू तट पहुंचे जहां उन्हें दशविधि स्नान कराया गया। यजमान को सबसे पहले गोमूत्र से स्नान कराया गया। इसके बाद गोदुग्ध, गोदधि, गोघृत, कुशोदक, भस्म, मिट्टी और शहद से स्नान कराए जाने के बाद अंत में सरयू जल से स्नान कराया गया। दौरान प्रायश्चित पूजा से जुड़े मंत्रोच्चार गूंजते रहे। यजमान द्वारा गोदान की रस्म भी निभाई गई। विवेक सृष्टि से शुरू हुआ अनुष्ठान अब बुधवार से राम जन्मभूमि परिसर में किया जाएगा। बुधवार को रामलला की मूर्ति परिसर में प्रवेश करेगी और मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया जाएगा। फिर मंदिर परिसर में बने यज्ञ मंडप में अनुष्ठान शुरू होंगे।
सात दिनों तक यजमान की भूमिका में रहेंगे डॉ. अनिल मिश्र
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र हैं। यजमान के रूप में उन्होंने मंगलवार को प्रायश्चित पूजन में हिस्सा लिया। अब वे सात दिनों तक यजमान की ही भूमिका में रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले कर्मकांडी ब्राह्मणों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राममंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, संघ प्रमुख मोहन भागवत और डॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक मुख्य आयोजन के समय 22 जनवरी को उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी गर्भगृह में अपने हाथ से कुशा और श्लाका खींचेंगे। उसके बाद रामलला प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी भोग अर्पित करने के साथ ही आरती भी करेंगे।
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