‘रामायण’ के सेट पर हुआ चमत्कार, जब 25 फीट की ऊंचाई से गिरा शख्स कपड़े झटककर खड़ा हो गया

1987 में ऑन एयर हुए टीवी सीरियल ‘रामायण’ को लोग आज भी प्यार करते हैं. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस सीरियल को लोगों का प्यार मिला है. कोरोना काल में कई युवाओं ने इसे पसंद किया. इस रामायण में लक्ष्मण बनें एक्टर सुनील लहरी का मानना है कि शो में काम करने वाले सभी के साथ प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद रहा है. यही वजह है कई बार उनपर आए हुए संकटों से वे सभी सुरक्षित रहे हैं. तो आइये जानते हैं उन चमत्कारों के बारे में जो रामायण की स्टार कास्ट और टीम ने खुद महसूस किए हैं.

सुनील लहरी ने कहा, “तकरीबन 3 साल हमने रामायण की शूटिंग की थी. इस शूटिंग के दौरान कोई भी हादसा ऐसा नहीं हुआ जिसकी वजह से हमें अफसोस हो. हालांकि सेट पर कई हादसे हुए थे. लेकिन कभी किसी को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई. मुझे याद है ललिता पवार जो ‘रामायण’ में मंथरा का किरदार जो निभा रहीं थीं, शूटिंग के दौरान उनके पांव पूरी तरह से जल गए थे. मतलब वो शॉट के बीच कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो गईं थीं और उस वक्त उनके पैरों पर तेल गिर गया था. लेकिन तब भी शूटिंग रुकी नहीं. उन्होंने अपनी शूटिंग पूरी की. उन्हें भी इस चोट के कारण उस वक्त थोड़ा दर्द हुआ लेकिन ज्यादा परेशानी नहीं हुई. वो अगले दिन ही ठीक हो गई थीं.”

खुद का उदहारण देते हुए ‘लक्ष्मण’ यानी सुनील लहरी ने बताया कि जब रामायण में जगत दरबार का सीन लगा था तब उन्हें गुजरात में सीरियल की शूटिंग खत्म करके मुंबई जाना था. सुनील लहरी बोले,”अगले दिन सुबह मेरी फिल्म की शूटिंग थी. मैंने सागर साहब को इस बात की जानकारी दे दी थी. मैंने सोचा शाम को 7 बजे तक शूटिंग खत्म करके मैं रात को 10 -11 बजे तक मुंबई पहुंच जाऊंगा लेकिन वो शूटिंग ही रात के 9 बजे शुरू हुई. मैं लगभग 12 बजे फ्री हो गया. उस वक्त मुझे गुस्सा भी आ रहा था, मैं बहुत परेशान भी हो रहा था. क्योंकि अगले दिन मेरी कमिटमेंट थी, मेकर्स के बहुत सारे पैसे खर्च हुए थे.”

आगे सुनील लहरी ने कहा, “कमिटमेंट के मामले में मैं हमेशा सावधान रहता हूं. इसलिए मैं उस समय रात को 2 बजे मुंबई की तरफ निकल पड़ा. गाडी मैं खुद चला रहा था. ड्राइव करते करते मुझे पता ही नहीं चला कि मेरी आंख कब लग गई. नींद में मेरी गाड़ी कहां गई, वो भी होश मुझे नहीं था. जब आंखें खुलीं तब मैंने देखा कि मैं हाईवे से कहीं दूर पर था और मेरी गाड़ी एक खेत में खड़ी थी. लेकिन मुझे या गाड़ी को एक खरोंच भी नहीं आई. मुझे लगा मेरी गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी लेकिन वो भी तुरंत स्टार्ट हो गई. फिर मैं वहां से एक होटल में गया, आधा घंटा मैंने झपकी ली और फिर फ्रेश होकर सीधे शूटिंग लोकेशन पर पहुंचा.”

ऊंचाई से गिरकर भी नहीं आई चोट

रामायण की शूटिंग के दौरान का एक और किस्सा सुनाते हुए सुनील लहरी ने कहा, “शूटिंग के वक्त कुछ लोग ऊपर की लाइटिंग के लिए तराफे पर खड़े रहते थे. ये तराफा जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर रहता था. एक दिन शूटिंग के वक्त अचानक किसी के गिरने की आवाज आई और हमने जब देखा तो ऊपर से एक आदमी नीचे गिर गया था. लेकिन उस आदमी को कुछ भी नहीं हुआ था, कपड़े झटककर वो खड़ा हुआ और काम पर लग गया.”

कभी किसी इवेंट पर नहीं हुई दुर्घटना

सुनील लहरी की मानें तो जब वो, अरुण गोविल (राम) और दीपिका चिखलिया (सीता) किसी भी इवेंट पर जाते थे, तब बहुत ज्यादा भीड़ इकट्ठा होती थी. लेकिन कभी कोई दुर्घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा, “बनारस में हम गए थे, तब 3000 लोगों की क्षमता का हॉल था, वहां 15000 लोग इकट्ठा हुए थे. लेकिन फिर भी कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था. ये सब रामजी की ही कृपा थी.”