कोरबा में बच्चे ने नाक में घुसाया घड़ी का सेल:सांस लेने में दिक्कत होने से पता चला, एंडोस्कोपी ऑपरेशन की मदद से निकाला

कोरबा में 4 साल के बच्चे लक्की ने खेल-खेल में हाथ घड़ी के बैटरी को अपने हाथों से नाक में घुसा लिया। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हुई तो माता-पिता उसे लेकर स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने सर्जरी कर बच्चे की जान बचाई। ​​​अभी बच्चे की हालत सामान्य है और खतरे से बाहर है।

ई.एन.टी सर्जन डॉ हरवंश ने बताया कि बच्चे की जांच में पाया गया कि 4 साल का बच्चा लक्की खेल-खेल में बैटरी को नाक के अंदर डाल दिया था। वो धीरे-धीरे गलना शुरू हो गया था। यह बैटरी कुछ दिन और देर होने से ज्यादा गल कर शरीर के और अंग को नुकसान पहुंचा सकता था, जिसे सही समय पर इलाज मिलने की वजह से बच्चे को नई जिंदगी मिली है।

एंडोस्कोपी ऑपरेशन की मदद से बैटरी निकाला बाहर

डॉक्टर हरवंश सिंह ने एंडोस्कोपी ऑपरेशन की मदद से बैटरी को बाहर निकाला। मेडिकल सुपरिटेंडेंट गोपाल कंवर ने बताया कि यह जटिल ऑपरेशन था लेकिन अभी बच्चे की हालत में सुधार है और जल्द स्वस्थ हो जाएगा। उन्होंने सभी माता-पिता को सलाह दी कि वे बच्चों के आस पास ऐसे छोटे-छोटे समान न रखें और न ऐसे किसी समान से खेलने दें।

तकलीफ के बाद हुआ अंदेशा- मां सावित्री

मां सावित्री सिंह ने बताया कि उसके बेटे की नाक में घड़ी का सेल कब कैसे घुसा इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन वह सेल से खेल रहा था। इसलिए उन्हें अंदेशा हुआ कि कहीं ना कहीं इसके नाक के अंदर सेल घुसा हुआ है। जब कुछ देर बाद ही इसे तकलीफ शुरू हुई और सांस लेने में दिक्कत हुआ तब डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे। इसके बाद पूरे घटनाक्रम की जानकारी हुई।

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