0 सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर विलास भोसकर संदीपन से मिलकर सौंपा ज्ञापन ।
0 बाहरी खदान विरोधियों के सामने स्थानीय लोगों ने लगाए नारे ।
0 सुरगुजा के निवासी लंबे समय से पीईकेबी खदान के विकास के लिए कर रहे है मांग ।
अंबिकापुर; 11 जनवरी 2024: सरगुजा जिले के उदयपुर प्रखण्ड में क्षेत्र के सेंकड़ों ग्रामीणों का एक समूह गुरुवार परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खदान शुरू करवाने की मांग लो लेकर अंबिकापुर जिला मुख्यालय में कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपन से मिला। ग्राम साल्ही, परसा, बासन, शिवनगर, फतेहपुर, घाटबर्रा इत्यादि गांवों के ग्रामीणों के समूह ने बीते छः महीने से बंद पड़ी खदान परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खदान को पुनः सुचारु रूप से चलाने की मांग हेतु नवपदस्थ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने श्री संदीपन को मुलाकात के दौरान बताया कि,“हम आवेदकगण खदान प्रभावित परिवार के सदस्य व आसपास के ग्रामीण हैं तथा अधिकतर लोग खदान में नौकरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। लेकिन उनके क्षेत्र की एक मात्र खदान कई महीनों से जमीन नहीं उपलब्ध होने के कारण अब बंद हो गई है जिससे उन्हें बेरोजगार होकर अब रोजी-रोटी के लिए भटकना पड़ रहा है।“ ग्रामीणों ने श्री संदीपन से यह भी दरख्वास्त की है कि रायपुर स्थित एनजीओ निजी स्वार्थ के लिए आदिवासियों के हित धारक होने का ढोंग करते हुए पीईकेबी खदान और पिछड़े हुए सुरगुजा जिले के विकास का राजनीतिकरण कर रहे हैं जिनको रोकना चाहिए ।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को 2007 में पीईकेबी खदान का आवंटन किया था जो कि 2012 से कार्यरत है और छत्तीसगढ़ के राजस्व मे सालाना एक हजार करोड़ के राजस्व देने के साथ-साथ हसदेव में सुरगुजा जिले में 5000 लोगों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रुप से रोजगार देता है । राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) को आवंटित कोयला ब्लॉक परियोजना के बंद होने से स्थानीय लोगों, विशेष रूप से आदिवासियों, को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इस खदान से खदान प्रभावित परिवारों के अलावा आसपास के स्थानीय लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली, आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। खदान के बंद होने से इन लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
रघुनन्दन सिंह पोंर्ते सहित समस्त ग्रामवासी द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में ग्रामीणों ने कलेक्टर को लिखा कि “उदयपुर विकास खण्ड में पीईकेबी कोल खदान का संचालन बीते बारह वर्षों से किया जा रहा है लेकिन विगत छः माह से खदान के संचालन के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण खदान पूरी तरह से बंद हो गया था। खदान का संचालन नहीं होने के कारण खदान में कार्य करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो गये है एवं अपनी रोजी-रोटी हेतु भटक रहे हैं। शासन- प्रशासन द्वारा 15 दिन पूर्व खदान के संचालन के लिए पेंड़ों की कटाई की गई थी किन्तु अभी तक उक्त भूमि पर खदान का संचालन का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है जिससे लंबे समय से लोगों को नौकरी एवं रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है। इस खदान के प्रारंभ होने से खदान प्रभावित परिवारों के अलावा आसपास के स्थानीय लोगों के परिवार की रोजी-रोटी चलती है।“
साल्ही के अमीर साय पोर्ते एवं उनके अन्य साथियों ने बताया कि खदान खुलने के पूर्व इन सभी की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी एवं यहां पर रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव था, लेकिन जब से पीईकेबी कोयला खदान चालू हुई है, तब से हमारे क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास होना शुरू हुआ है। “अतः परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान के संचालन हेतु तत्काल जमीन उपलब्ध करवाने की कृपा करें ताकि हमारी रोजी-रोटी चलती रहें। अब देखना यह है कि ग्रामीणों की इस पुकार का समाधान जिला प्रशासन द्वारा कब तक निकाला जाता है,“ अमीर साय पोर्ते ने बताया।
स्थानीय लोग पीईकेबी खदान के सुचारू रूप से संचालन हेतु तत्काल भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर रहे है। उन्होंने सरगुजा, अम्बिकापुर और रायपुर में सभी महत्वपूर्ण नेताओं और राजनेताओं को आवेदन दिए थे। इसके अलावा, वे राहुल गांधी जी से भी मिलने की कोशिश कर चुके हैं।
सुरगुजा के स्थानीयों द्वारा पूर्व में दिए गए कुछ आवेदन की सूची:
*10 दिसंबर 2021 को, सुरगुजा के हजारों लोगों ने संसद सदस्य राहुल गांधी को आवेदन दिया।
- 1 जून 2021 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आवेदन दिया।
- 25 मार्च 2023 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने राज्यपाल अनुसुईया उइके को आवेदन दिया।
- 12 फरवरी 2022 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने सरगुजा कलेक्टर को आवेदन दिया।
- 29 मार्च 2022 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने सरगुजा कलेक्टर को आवेदन दिया।
- 28 मार्च 2022 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने सरगुजा कलेक्टर को आवेदन दिया।
- 8 मार्च 2022 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को आवेदन दिया।
- 3 नवंबर 2023 को, सुरगुजा के हजारों लोगों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को आवेदन दिया।
- 12 दिसंबर 2023 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने अम्बिकापुर और सरगुजा के विधायकों को आवेदन दिया।
- 6 दिसंबर 2023 को, सुरगुजा के सैकड़ों लोगों ने सरगुजा कलेक्टर को आवेदन दिया।
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