उप प्राचार्य एकलव्य विद्यालय के संलग्नीकरण आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर। एकलव्य कन्या आवासीय विद्यालय में पदस्थ उप प्राचार्य की याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राहत दी है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने संलग्नीकरण व कार्यभार देने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। जयपुर जिले के बगीचा ब्लाक में एकलव्य कन्या आदर्श आवासीय विद्यालय सन्ना में पदस्थ अंजना तिर्की को अपर कलेक्टर जशपुर द्वारा सात दिसंबर 2023 को उनके मूल संस्था एकलव्य कन्या आदर्श आवासीय विद्यालय सन्ना से नवीन संस्था शासकीय हाई स्कूल तिलडेगा विकासखंड पत्थलगांव में कार्य करने हेतु संलग्नीकरण किया था। उनके स्थान पर आशा तिर्की को प्रभार देने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संलग्नीकरण आदेश तथा प्रभार देने संबंधी आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।

अंजना तिर्की ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, दीक्षा गौराहा और नरेंद्र मेहर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि उनकी नियुक्ति वर्ष 2011 में उप प्राचार्या के पद पर हुई थी और मार्च 2022 से प्रभारी प्राचार्या के पद पर कार्य करते आ रही थी। अतिरिक्त कलेक्टर जयपुर ने एक आदेश जारी कर सात दिसंबर 2023 को उनके मूल संस्था एकलव्य कन्या आदर्श आवासीय विद्यालय सन्ना से नवीन संस्था शासकीय हाईस्कूल तिलडेगा संलग्नीकरण कर दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में हुई। याचिका के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सर्कुलर एक जून 2001 के अनुसार विभाग ने संलग्नीकरण समाप्त किए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने 22 फरवरी 2022 को एक निर्देश जारी कर कंडिका चार के अनुसार संलग्नीकरण समाप्त करने का निर्णय लिया। इसमें व्यवस्था दी है कि जिस व्यक्ति का वेतन जिस संस्था से आधारित हो रहा है उसे इस संस्था में उपस्थिति देनी होगी। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी संलग्नीकरण व कार्यभार देने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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