अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd.) ने गुजरात अल्कालाइज एंड केमिकल्स लिमिटेड (GACL) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसका मकसद अलग-अलग तरह के कारोबारी अवसरों की तलाश करना है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 2 जनवरी को वेदांता लिमिटेड का शेयर 0.39 पर्सेंट की बढ़त के साथ 258.15 रुपये पर बंद हुआ।
दोनों कंपनियां कास्टिक-क्लोरिन और इससे संबंधित अन्य बिजनेस में अवसरों की खोज करेंगी। दोनों कंपनियों ने सैद्धांतिक तौर पर ज्वाइंट वेंचर प्रोजेक्ट या पारस्परिक हित के कॉन्ट्रैक्ट के जरिये कारोबारी अवसर तलाश करने पर सहमति जताई है।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया, ‘वर्टिकल इंटीग्रेशन को लेकर वेदांता एल्युमीनियम की कोशिशों की तर्ज पर यह पहल की गई है।’ कारोबार से जुड़े अवसरों की तलाश करने में वेदांता और GACL की योजना बड़े पैमाने पर सहयोग करने की है, ताकि पारस्परिक फायदे के लिए संसाधनों को इकट्ठा कर एकजुट तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
वेदांता लिमिटेड ने हाल में वित्त वर्ष 2024 के लिए 11 रुपये प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है। यह डिविडेंड के मामले में पिछले तीन साल का निचला स्तर है। अक्टूबर 2020 से मौजूदा ऐलान तक कंपनी ने इनवेस्टर्स को 162 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड दिया है। ग्लोबल स्तर पर डिविडेंड यील्ड वाली टॉप 10 कंपनियों में वेदांता की रैंकिंग चौथी थी।
इस कंपनी की पैरेंट इकाई वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) को वित्त वर्ष 2025 में 2 अरब डॉलर के नोट का भुगतान करना है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में कंपनी को 3.6 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान करना है।
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