मासूम की दूसरे ब्लड ग्रुप का रक्त चढ़ाने से मौत

राजनांदगांव,28 दिसंबर। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में तीन दिन के मासूम की दूसरे ब्लड ग्रुप का रक्त चढ़ाने से मौत का आरोप परिजनों ने लगाया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना हुुई है। दोषी स्टॉफ पर परिवार ने कार्रवाई की मांग की है। कॉलेज के अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक ने दावा किया है कि मेडिकल कॉलेज की जांच में रिपोर्ट सही थी। बाहर से जांच कराने में रिपोर्ट दूसरे ग्रुप की दी गई है। फिर भी इस मामले की वह जांच कराएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक गैंदाटोला निवासी हरीश की पत्नी गौरी निर्मलकर को 24 दिसंबर को प्रसव कराने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन नार्मल डिलीवरी हो गई थी।

बताया जा रहा है कि प्रसव बाहर में हुआ था, वहीं बच्चा प्री-मैच्योर (समय पूर्व प्रसव) था। कमजोर होने के कारण बच्चे को मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया। इस दौरान मासूम को खून की कमी थी। चिकित्सकों ने जांच में ए-पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता बताते हुए ब्लड चढ़ाया। बाद में उसे प्लाज्मा की जरूरत थी। मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा उपलब्ध नहीं होने के कारण बाहर से व्यवस्था करने कहा गया।परिजनों ने बाहर के डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच कराया। जिसमें एबी-पॉजीटिव ब्लड की आवश्यकता बताई गई। इस बीच प्लाज्मा की कमी के कारण बच्चे को इन्फेक्शन हो गया। बच्चे की सेहत लगातार बिगड़ती चली गई और उसे बचाया नहीं जा सका। इससे भडक़े परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा किया है।

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