रायपुर, 28 दिसम्बर। भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय चलाए जा रहे राजीव युवा मितान क्लबों के सभी खाते सीज कर दिए हैं। क्लबों के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के लिए तीन साल में 132 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी। राज्य सरकार ने राजीव युवा मितान क्लबों को दी गई राशि के अंतरण एवं समस्त प्रकार के व्यय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
आदेश में लिखा है कि राजीव युवा मितान क्लबों को किसी भी कार्य के लिए दी गई राशि के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को राजीव युवा मितान क्लब योजना के तहत अब तक विभिन्न व्यय की जानकारी और व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। जिला स्तरीय, अनुभाग स्तरीय समितियों के साथ मितान क्लबों की गतिविधियां अब जांच के दायरे में आ चुकी है।
व्यय राशि की होगी जांच
राज्य सरकार के आदेश से स्पष्ट है कि राजीव युवा मितान क्लबों के नाम पर खर्च की गई राशि की उपयोगिता की जांच की जाएगी। सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम पर बिना आयोजन के भी फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत कर पैसे निकालने की शिकायतें पहले भी मिलती रही है। कलेक्टरों को जारी आदेश के बाद अब कलेक्टरों के माध्यम से क्लबों के संचालकों की रिपोर्ट मंगाई जाएगी। ऐसी आशंका है कि क्लबों की आड़ में लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया है।
प्रदेश भर में दो साल में बने 13,269 क्लब
राजीव गांधी युवा मितान क्लब योजना के तहत विगत दो वर्षों में गांव-गांव में 13,269 क्लब बनाए गए। 12 जनवरी 2020 को राज्य युवा महोत्सव पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना का एलान किया गया था। योजना का शुभारंभ 18 सितंबर 2021 को किया गया। प्रत्येक क्लब में 20 से 40 युवा थे। प्रदेश में 13,261 राजीव युवा मितान क्लब गठित करने के लक्ष्य पर 13,242 क्लब बनाए गए। प्रत्येक क्लब को प्रति तीन माह में 25 हजार रुपये का अनुदान राशि दिए जाने का प्रविधान किया। इस तरह हर वर्ष क्लब को एक लाख रुपये मिलते थे।
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