बिल्डर ने की थी 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, EOW ने दर्ज की FIR

भोपाल । बंधक जमीन को फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र के माध्यम से बेचने के आरोप में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने चिनार रियल्टी प्रालि., चिनार रिटेल्स एवं इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि़. सहित सात के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया है। कर्ज वसूलने वाली कंपनी ओमकारा एसेट्स एवं रीकंस्ट्रक्शन प्रालि. की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई है।

यह है मामला

चिनार रियल्टी के सुनील मूलचंदानी और चिनार रिटेल्स के गोपीचंद मूलचंदानी ने आवासीय परियोजना विकसित करने के लिए दीवान हाउसिंग फाइनेंस से 100 करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया गया था। इसमें गोपीचंद मूलचंदानी, स्व. माया देवी मूलचंदानी, सुनील मूलचंदानी, अनु मूलचंदानी और मनित मूलचंदानी लोन में व्यक्तिगत गारंटर बने थे। जून 2021 में दीवान हाउसिंग का पिरामल कैपिटल एवं हाउसिंग फाइनेंस में विलय हो गया। पिरामल ने इस ऋण की वसूली का काम शिकायतकर्ता कंपनी ओमकारा एसेट्स को दिया।

शिकायतकर्ता कंपनी ने बताया कि चिनार ड्रीम सिटी नामक परियोजना में लगभग 23 एकड़ का प्लाट है। इसे लोन एग्रीमेंट की प्राथमिक प्रतिभूति के तौर पर रखा गया था। यह भूमि रमेश कुमार भावनानी, घनश्याम चावला, रोशन चावला और दर्शन चावला के स्वामित्व की थी। सुनील मूलंचदानी ने इस बंधक भूमि के विरुद्ध भूमिधारकों को इस परियोजना में 31 प्रतिशत की साझेदारी को लेकर अनुबंध किया गया था। इस बात पर भी सहमति हुई थी कि बंधक रखी सभी संपत्तियों के सभी लेनदेन को एक संयुक्त खाते के माध्यम से किया जाएगा, पर बाद में आरोपितों ने बैंक से ली गई ऋण राशि जमा नहीं कर अमानत में खयानत किया।

मामले की जांच ईओडब्ल्यू के निरीक्षक हरिओम दीक्षित ने की। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर ईओडब्ल्यू ने सुनील मूलचंदानी, गोपीचंद मूलचंदानी, स्व. माया मूलचंदानी, अनु मूलचंदानी, मनित मूलचंदानी, चिनार रियलिटी पावर लिमिटेड, चिनार रिटेल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध धारा 406 ,420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत एफआइआर दर्ज की है।