Vedant Samachar

चीनी AI का करिश्मा क्या मशीनें ले पाएंगी प्रशासनिक कर्मचारियों की जगह…

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चीनी,09जून 2025 : विश्व में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन चुका चीन लगातार प्रगति कर रहा है। देश को आधुनिक बनाने और आगे ले जाने के लिए चीन में तकनीक का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं। जाहिर है चीन हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। इन दिनों कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई पर काफी जोर दिया जा रहा है। चीनी कंपनी द्वारा विकसित डीपसीक ने पूरी दुनिया को आश्चर्य में डालने का काम किया है। यह ओपन एआर्ई टूल एआई के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। जिसने यह साबित कर दिया है कि चीन इस फील्ड में वैश्विक रूप से अग्रणी बनने की दिशा में अग्रसर है। यहां तक कि चीन में एआई की अब विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में मदद लिए जाने के लिए काम हो रहा है।

अगर यह प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में इस क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव आ सकता है। कहा जा सकता है कि एआई के उद्भव से दुनिया में नई संभावनाएं पैदा हुई हैं। डीपसीक के विकास में न केवल बहुत कम समय लगा, बल्कि इस बनाने में भी बहुत कम खर्च आया। इस तरह दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं के लिए तमाम एआई क्षमताएं सामने आई हैं। इस बीच पता चला है कि चीन द्वारा तैयार एआई की मदद से विभिन्न सरकारी कार्य दक्षता से निपटाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पहले सामने आए एआई मॉडलों में महत्वपूर्ण कम्प्यूटेशनल संसाधनों की आवश्यकता होती थी और उच्च लागत भी लगती थी। लेकिन चीन द्वारा बनाया गया डीपसीक उच्च प्रदर्शन करने वाला टूल होने के साथ-साथ बेहद सुलभ भी है। इसके ओपन-सोर्स मॉडल ने प्रवेश बाधाओं को कम किया है और एआई उद्योग में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया है। बताया जा रहा है कि इससे शासन सहित सभी क्षेत्रों में नए अवसर पैदा हुए हैं उधर चीन के आईटी शहर शनचन में एआई संचालित 70 “सिविल सेवकों” को विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात किया गया है।

इनका इस्तेमाल आधिकारिक दस्तावेजों का मसौदा तैयार करने, सार्वजनिक पूछताछ आदि का जवाब देने में किया जा रहा है। साथ ही कानूनी उल्लंघनों की पहचान करने और आकस्मिक योजनाओं को तैयार करने जैसे कार्यों में सहायता के लिए इनका उपयोग हो रहा है। जैसा कि हम जानते हैं कि प्रशासनिक कर्मचारी जिस काम को करने में कई दिन लगाते थे, वह अब मिनटों में हो सकता है। एआई का इस तरह इस्तेमाल क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इससे जाहिर होता है कि यह लोगों को कई सुविधाएं प्रदान कर सकता है और विभिन्न कार्यों को सटीक ढंग से पूरा करने में भी सक्षम है। एआई के सामने आने से न केवल उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि दक्षता में भी इजाफा होगा।

इसके अलावा परिचालन लागत कम होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। ऐसी गलतियां और चूक जो अकसर मानवीय पहचान से बच जाती हैं, उन्हें मशीन लर्निंग एल्गोरिदम द्वारा आसानी से पकड़ा जा सकता है। यह प्रशासनिक कार्यों में दक्षता और गुणवत्ता को बढ़ा सकता है। माना जा रहा है कि दीर्घावधि में एआई से प्राप्त दक्षता सरकारों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दबाव की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बचाए गए मानव और वित्तीय संसाधनों को पुनर्निर्देशित करने की अनुमति दे सकती है। स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि इंटरनेट के प्रभाव की तरह, जिसने सूचना तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाया और वैश्विक ज्ञान अंतराल को कम किया। सार्वजनिक शासन में एआई का इस्तेमाल सामाजिक संसाधनों को अधिक समान रूप से पुनर्वितरित कर सकता है और नए तरीकों से मानव क्षमता को और बढ़ा सकता है। यह पूरी दुनिया के लिए नए रास्ते खोलने का काम करेगा।

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