दिल्ली में 24 घंटे शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए केजरीवाल सरकार ने बनाई योजना

नई दिल्ली 26 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। दिल्ली के हर घर के नल से 24 घंटे साफ और शुद्ध पानी मिलेगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक कर मानूसन के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर करने और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इस दौरान सीएम ने संबंधित अधिकारियों को पायलट प्रोजक्ट के आधार पर वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने और आफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हमारी यह रणनीति सफल होती है तो ऐसे और जलाशय बनाए जाएंगे, ताकि मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर कर उसका इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके। मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक में अधिकारियों ने प्रजेंटेशन दिया। प्रजेंटेशन के बाद सीएम ने प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया।

इस दौरान दो प्रस्तावों पर आगे बढ़ने की सहमति बनी है। पहला यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर पायलट आधार पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने की रणनीति बनी। इस जलाशय में मानसून का करीब 1735 एमजी पानी को स्टोर किया जा सकेगा। दूसरा, 20 एकड़ का आफ रिवर मिनी जलाशय बनाने पर विचार किया गया, जिसकी गहराई 10 मीटर तक होगी और यहां करीब 223 एमजी मानसून का पानी का स्टोर हो सकेगा।

सीएम ने इन दोनों प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करने के बाद संबंधित अधिकारियों को आगे की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि इस पर जल्द से जल्द काम शुरू हो सके।पेयजल क्षमता बढ़ाने के लिए तीन रणनीति पर काम प्रस्तावितदिल्ली सरकार द्वारा यमुना के करीब 32203 एमजी मानसून के पानी को स्टोर करने के लिए तीन रणनीति प्रस्तावित की गई हैं। पहला, 200 एकड़ के 20 कैचमेंट वेटलैंड भंडारण जलाशय बनाए जाएंगे और सभी जलाशयों की गहराई दो मीटर होगी, जहां 8552 एमजी मानसून का पानी स्टोर किया जा सकेगा।

दूसरा वजीराबाद जलाशय के एक हजार एकड़ एरिया में तालाब का विस्तार किया जाएगा। इसकी गहराई दो मीटर होगी और यहां पर 2138 एमजी मानसून के पानी का भंडार हो सकेगा। वहीं तीसरे प्रस्ताव के तहत 100 एकड़ के 20 आफ रिवर मिनी जलाशय बनाए जाएंगे। सभी जलाशयों की गहराई 10 मीटर रखी जाएगी, जहां करीब 21381 एमजी मानसून के पानी का भंडारण हो सकेगा। इन तीन रणनीतियों के अलावा मौजूदा तालाब की दो मीटर की गहराई तक सिल्ट (गाद) निकाली जाएगी। इससे 132 एमजी पानी का अतिरिक्त भंडारण हो सकेगा।

दरअसल, दिल्ली सरकार की योजना है कि वजीराबाद बैराज के बाढ़ क्षेत्र में मानूसन के दौरान आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर किया जाए और उस पानी को शुद्ध करके दिल्ली के निवासियों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाए। इससे दिल्ली में पेयजल की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। इसी को लेकर दिल्ली सरकार पायलट आधार पर जलाशयों का विकास करने को लेकर रणनीति और एक्शन प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत सभी स्टोरेज स्ट्रक्चर पल्ला तक फैले वजीराबाद जलाशयों को विकसित किया जाएगा। इससे नदी की पारिस्थितिकी और आसपास के आवासीय एरिया पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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