Vedant Samachar

जापान का चंद्र मिशन फेल इस्पेस का निजी लैंडर चंद्रमा पर पहुंचने से पहले हुआ क्रैश…

Vedant samachar
3 Min Read

जापान,06जून 2025 : जापान की निजी अंतरिक्ष कंपनी इस्पेस का चंद्रमा पर उतरने का दूसरा प्रयास भी असफल हो गया है। शुक्रवार को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान लैंडर से अचानक संपर्क टूट गया, और बाद में मिशन को विफल घोषित कर दिया गया। लैंडर चंद्रमा की सतह से महज दो मिनट की दूरी पर था जब मिशन नियंत्रण से उसका संपर्क समाप्त हो गया। शुरुआती संकेतों में सब कुछ सामान्य प्रतीत हो रहा था, लेकिन संचार टूटने के बाद लैंडिंग की पुष्टि नहीं हो सकी।

इस्पेस के CEO और संस्थापक ताकेशी हाकामादा ने इस असफलता की जिम्मेदारी लेते हुए मिशन से जुड़े सभी लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यह लगातार दूसरी बार है जब हम चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतरने में नाकाम रहे हैं। हमें इसकी गंभीरता से जांच करनी होगी।” यह मिशन इस्पेस की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा था, जिसमें कंपनी चंद्रमा पर वाणिज्यिक गतिविधियों की संभावनाएं तलाश रही है। इस मिशन के तहत एक मिनी रोवर, चंद्र धूल इकट्ठा करने के लिए उपकरण, और एक अनोखा लाल रंग का खिलौना-घर भी भेजा गया था, जिसे एक स्वीडिश कलाकार ने डिजाइन किया था। इस्पेस का पहला प्रयास भी 2023 में असफल रहा था।

इसके बाद कंपनी ने अपने लैंडर का नाम ‘रेसिलिएंस’ रखा – यह नाम प्रतीक था उनके जज़्बे और दोबारा कोशिश करने की भावना का। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों बार मिशन की विफलता के पीछे कोई समान तकनीकी कारण है या अलग-अलग समस्याएं रहीं। इस्पेस की तकनीकी टीम इसकी पूरी जांच कर रही है। कंपनी भविष्य के मिशनों की योजना बना रही है और चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ेगी। इस घटना से अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी और उनकी तकनीकी चुनौतियों पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। जहां नाकामी निराशाजनक है, वहीं इस्पेस जैसे निजी संस्थानों का प्रयास यह भी दर्शाता है कि भविष्य में चंद्रमा की सतह पर पहुंचना सिर्फ सरकारी एजेंसियों तक सीमित नहीं रहेगा।

Share This Article