0 रायगढ़ की श्रीमती लक्ष्मी बसंल ने डॉ.जैसवाल को बताया अपने बेटे से बढ़कर, उनके कार्य व्यवहार व इलाज के प्रति दिल से माना आभार ।
कोरबा, 22 दिसंबर – मध्य भारत के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जायसवाल के सराहनीय चिकित्सा कौशल तथा उनके द्वारा मुझे दिये गये हौसले व आत्मविश्वास के परिणाम स्वरूप आज मैं कैंसर जैसी भयावह बीमारी से पूर्ण रूप से मुक्त हो चुकी हॅूं। डॉ.रवि जैसवाल मेरे लिये मेरे बेट के समान व उससे कही बढ़कर हैं, जिन्होने मुझे निरंतर हौसला दिया, मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया, मेरे कैंसर रोग का सफल इलाज कर मुझे नया जीवन दिया।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर की रहने वाली श्रीमती लक्ष्मी बसंल ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जायसवाल के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही। श्रीमती बसंल ने कहा कि अगस्त माह में उन्हें काफी ब्लिडिंग हुई, स्थानीय डॉक्टर को दिखाया, इलाज शुरू हुआ, लेकिन लाभ नही हुआ, उसी समय डॉ.रवि जैसवाल ने रायगढ़ में कैम्प किया, मैं स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर डॉ.रवि जैसवाल मिली, उन्होने मेरे परीक्षण कराया, जिसमें मेरे बच्चेदानी में कैंसर, डायग्नोस हुआ, इससे मुझे गहरा आघात लगा किन्तु डॉ.रवि ने मुझे हौसला दिया, मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया, मेरा इलाज शुरू किया। कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का दूसरा स्वरूप हैं यह बात मुझे डॉ.रवि में नजर आयी, उन्हेने मेरे बेटे जैसी भूमिका निभाते हुए मेरा हौसला बढ़ाया, उनकी सलाह पर मैं रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल आई तथा डॉ.रवि जैसवाल ने मेरा उचित इलाज प्रारंभ किया, आज मैं पूर्ण रूप से कैंसर मुक्त हो चुकी हूॅं। इसका पूरा श्रेय डॉ.रवि जैसवाल को है, जिन्होने नया जीवन दिया, मैं रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के सभी स्टाफ को भी धन्यवाद देती हॅूं जिन्होने मेरी पूरी देखभाल की, मुझे हौसला दिया, अब मैं कैंसर जैसी भयावह बीमारी से लड़कर आज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुकी हूॅं तथा समान्य जीवन जी रही हूॅं।
कैंसर रोग व इलाज की गहरी समझ रखते हैं डॉ.रवि
रामकृष्ण केयर हॉस्टिपल रायपुर में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे डॉ.रवि जैसवाल मध्य भारत के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ हैं, वे कैंसर रोग तथा उसके इलाज की गहरी समझ रखते हैं, अभी तक डॉ.रवि जायसवाल ने हजारों कैंसर मरीजों का सफल इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया है।
कैंसर चिकित्सा क्षेत्र में गढे हैं नया आयाम
डॉ.रवि जायसवाल कैंसर चिकित्सा जगत के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्थापित हो चुके हैं, उन्होने कम समय में बड़ी पहचान बनाई है तथा कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में नये आयाम गढ़े हैं, 65 वर्षीय वृद्ध महिला का सफलतापूर्वक बोन मैंरो ट्रांसप्लांट कर उन्होने इतिहास रचा था, जो मध्य भारत की पहली घटना थी। इसी का परिणाम है कि डॉ.रवि जैसवाल के पास देश के विभिन्न प्रांतों के कैंसर मरीज अपना इलाज कराने आते हैं तथा पूर्ण स्वस्थ होकर लौटते हैं।
विभिन्न प्रदेशों के मरीज पहुंचते है इलाज कराने
एक सफल कैंसर रोग विशेषज्ञ की पहचान बनाने वाले डॉ. रवि जायसवाल मरीजों एवं परिजनों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं, मरीजों एवं उनके परिजनों से उनका आत्मीय व्यवहार काबिले तारीफ है, वे मरीजों को मानसिक व आर्थिक सपोर्ट देते हैं, उनकी परेशानियों का उचित समाधान उपलब्ध कराते हैं। डॉ.रवि जायसवाल से मिलने व बात करने के पश्चात कैंसर मरीज एवं उनके परिजनों का कान्फिडेंस काफी बढ़ जाता है तथा कैंसर के प्रति उनके नजरिये में अत्यंत सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। डॉ.रवि जायसवाल के सौम्य व्यवहार, लोकप्रियता एवं उनकी प्रोफेशनल सक्सेज के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, उडी़सा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों के कैंसर मरीज अपना इलाज कराने उनके पास पहुंचते है।
कैंसर रोग अब असाध्य नहीं
सुप्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट व हिमेटोऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रवि जायसवाल का कहना है कि कैंसर के प्रति ाम लोगों को जागरूक होना अतिआवश्यक है, कैंसर रोग अब असाध्य नहीं रह गया, इसका पूर्ण इलाज संभव है तथा ऑपरेशन के बिना भी कैंसर का इलाज किया जा रहा है। परिवार के किसी सदस्य को यदि कैंसर डायग्नोस होता है तो परिवारजनों को इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, जरूरत है उसके समयबद्ध इलाज की, समुचित देखभाल की तथा इलाज के प्रोटोकाल का पूर्ण रूप से पालन किये जाने की।