कोरबा,21 दिसम्बर । कुसमुंडा खदान में अधिग्रहित ग्राम जटराज की भूमि में स्थित मकानों की नापी करने पहुंचे अधिकारी व कर्मचारियों को नाराज ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। इस दौरान उनकी जमकर भी पिटाई भी कर दी गई। प्रबंधन या पुलिस तक मामला पहुंचता, इससे पहले ही ग्रामीण बंधक बनाए गए सभी आठ लोगों को गांव में कदम नहीं रखने की धमकी देते हुए छोड़ा। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि दोबारा नजर आ गए तो गला काट देंगे। शिकायत होने पर पुलिस ने सात नामजद ग्रामीण समेत 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान में जटराज समेत आसपास के ग्राम की भूमि अधिग्रहित की गई है। इन ग्रामों की जमीन में बने मकान की नापी समेत पेड़ पौधो की गणना भी की जाती है, ताकि उसके आधार पर मुआवजा प्रदान किया जा सके। वर्तमान में कुसमुंडा खदान ग्राम जटराज की ओर बढ़ रही है, इसलिए एसईसीएल प्रबंधन द्वारा ग्राम की जमीन में स्थित मकानों की नापी मकान स्वामियों के आवेदन पर कर रहे हैं। कायदो को ताक में रख कार्रवाई करने से जटराज के ग्रामीण नाराज थे। बुधवार को भी कुसमुंडा से मकान नापी करने के लिए उप महाप्रबंधक सर्वे एनके सोनी, वरिष्ठ सर्वेक्षक रमेश पटेल, वरिष्ठ सर्वेयर एलपी जांगड़े, केटेगरी वन कर्मी आदित्य राज व प्रकाश ग्राम जटराज पहुंचे थे।
पटवारी के नहीं आने पर एसईसीएल की टीम इंतजार करते हुए ग्राम में खडी थी। तभी जोगी राम पटेल, मोहन पटेल, राजेंद्र पटेल, भारत पटेल, रामाधार पटेल, पतिराम पटेल, किरूराम पटेल समेत 40 ग्रामीण अधिकारियों के पास पहुंच गए और चारों तरफ से भीड़ ने घेर लिया। ग्रामीणों ने बंधक बना कर कहा कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाओ, तभी कार्य करने देंगे। इस पर उपस्थित एनके सोनी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए स्थल पर बुलाया। सूचना मिलते ही उप प्रबंधक (खनन) उज्जवल बनर्जी गांव पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें गाड़ी से उतार कर जमीन में पटक दिए और पिटाई करने लगे।
उनके पीछे-पीछे वरिष्ठ प्रबंधक खनन विजेंद्र श्रीवास्तव व वरिष्ठ अधिकारी एस दुबे भी गांव पहुंच गए, तब जोगी राम पटेल समेत अन्य ग्रामीणों ने उनको भी लात घूंसों से जमकर पीटा। इस घटना में तीनों को गंभीर रूप से अंदरुनी चोटें आई है। शिकायत करने वाले अधिकारियों का कहा है कि बवाल मचाने वाले ग्रामीणों ने जान से मारने व सिर काट कर पूरे क्षेत्र में घूमाने की धमकी दी। इससे सर्वे टीम के अधिकारी- कर्मचारियों में भय व्याप्त हो गया है। घटना को लेकर कुसमुंडा के कर्मियों में नाराजगी देखी जा रही।
इन पर दर्ज हुआ बलवा व मारपीट का मामला
मारपीट की घटना के बाद अधिकारी- कर्मचारी किसी तरह वापस कुसमुंडा कार्यालय पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके साथ ही घटना की रिपोर्ट संयुक्त रूप से एनके सोनी, उज्जवल बनर्जी, विजेंद्र श्रीवास्तव, एस दुबे, रमेश पटेल एलपी जांगड़े, आदित्य राज व प्रकाश सिंह ने लिखित में कुसमुंडा पुलिस के समक्ष दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में जोगी राम पटेल, मोहन पटेल, राजेंद्र पटेल, भारत पटेल, रामाधार पटेल, पतिराम पटेल, किरूराम पटेल समेत अन्य ग्रामीणों के विरूद्ध 342, 147, 323, 506, 186, 353 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया है।
उत्पादन बढ़ाने जमीन की है जरूरत
कुसमुंडा खदान में भविष्य में 610 लाख टन कोयला उत्पादन किया जाना है। इसके लिए जमीन की आवश्यकता है। प्रबंधन द्वारा काफी अरसे पहले जमीन का अधिग्रहण कर लिया है, पर अपने आधिपत्य में नहीं लिया था, अब जमीन को आधिपत्य में लिया जा रहा है। इसके लिए सर्वे करने के साथ ही मकान की नापी व भू-स्वामी के जमीन में स्थित कुआं, पेड़ पौधों की भी गणना कर जानकारी एकत्र की जा रही है। इस कार्य में पटवारी का भी सहयोग लिया जा रहा है। कई ग्रामीणों ने नापी करने स्वयं प्रबंधन को पत्र दिया है। प्रबंधन की मंशा है कि जल्द मुआवजा राशि तैयार कर भुगतान करें, ताकि कोयला उत्पादन बढ़ा कर लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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