क्यों काटे गए थे 22 विधायकों के टिकट? फिर भी हार गए ज्यादातर नए उम्मीदवार : डॉ. महंत ने किया खुलासा

रायपुर I छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर जमकर रार मचा हुआ है। हारे हुए नेता और जिन नेताओं को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला वह सीधे तौर पर अनुशासन का दायरा तोड़कर बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। हालांकि पार्टी ऐसे नेताओं को नोटिस भी जारी कर रही है लेकिन पार्टी के भीतर घमासान फ़िलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है।

बगावती सुर अपनाने वालों में पहला नाम बृहस्पत सिंह का है जिनकी टिकट इस बार रामानुजगंज से काट दी गई थी। बृहस्पत सिंह पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को सीधे तौर पर हार का जिम्मेदार ठहरा रहे है। वह बयानबाजी करने वालों में बृहस्पत सिंह का बखूबी साथ दे रहे है मनेन्द्रगढ़ के पूर्व एमएलए विनय जायसवाल। इन दोनों नेताओं की नाराजगी का आलम ये है कि दोनों नेता शिकायत लेकर सीधे दिल्ली पहुँच गए थे। दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

बयानबाजी करने वालों में पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और पाली-तानाखार के पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा का भी नाम शामिल है जबकि प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने तो आलाकमान के नाम कई पन्नों का खत ही लिख दिया।

वही इन सबके बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया है कि हाईकमान के निर्देश पर विधायकों की टिकट काटी गई थी। चुनाव पूर्व एंटी इनकंबेंसी और सर्वे के आधार पर टिकट का वितरण हुआ था लेकिन दुर्भाग्य की उनके ज्यादातर नए उम्मीदवार भी चुनाव हार गए।