कोरबा,17 दिसंबर। कोरबा पीडब्ल्यूडी ने इमलीडुग्गू गौ माता चौक से उरगा तक फोरलेन सड़क बनाने का 165 करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। सीएम की घोषणा के बाद मंजूरी नहीं मिली। भारी वाहनों के दबाव के कारण 3 साल में 10 किलोमीटर की सड़क बनाने 10 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च हो गई फिर भी राहत नहीं मिल रही है।
सड़क खराब होने के साथ ही पुल भी क्षतिग्रस्त है। कोरबा से चांपा मार्ग नेशनल हाईवे घोषित होने के बाद इमलीडुग्गू से बरबसपुर तक की सड़क नगर निगम और उसके आगे उरगा तक सड़क पीडब्ल्यूडी के हिस्से में आई है। नेशनल हाइवे की फोरलेन सड़क उरगा से रिंग रोड होकर बन रही है। इस वजह से 10 किलोमीटर सड़क को फोरलेन बनाने की लंबे समय से मांग की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा भी की थी। उसके बाद पीडब्ल्यूडी ने सर्वे के बाद 165 करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। इसमें नदी नालों पर पुल पुलिया भी शामिल है, लेकिन घोषणा के 1 साल बाद भी इसकी लिए राशि की मंजूरी नहीं मिल पाई है। नगर निगम ने 3 साल पहले गौ माता चौक से बरबसपुर तक ढाई करोड़ की लागत से सड़क का नवीनीकरण किया था, पर सड़क फिर से उखड़ने लगी है। इस वजह से शहर से चांपा की ओर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसी तरह पीडब्ल्यूडी ने 8 करोड़ की लागत से 3 किलोमीटर लंबी बरबसपुर से उरगा तक सड़क का नवीनीकरण कराया था। अब फिर से जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। पुल क्षतिग्रस्त होने से भी हादसे का डर बना रहता है। फोरलेन सड़क के प्रस्ताव की वजह से पुलों की चौड़ाई बढ़ाने कोई प्रस्ताव भी नहीं बनाया गया है। क्षतिग्रस्त डोमनाला से गुजरते भारी वाहन। 15 टन क्षमता की सड़क, दौड़ रहे 52 टन क्षमता के वाहन नगर निगम ने ढाई करोड़ की लागत से जब सड़क का नवीनीकरण कराया तब इसकी क्षमता 15 टन ही रही है। लेकिन अभी इस सड़क पर 52 टन क्षमता तक के ट्रेलर दौड़ रहे हैं। इस वजह से भी सड़क टिक नहीं पा रही है। जब तक इस सड़क की क्षमता नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है।
पुल की हालत ऐसी कि करना पड़ता है इंतजार 10 किलोमीटर में दो नहर पुल के साथ ही दो नाले में भी पुल है। बरबसपुर चौक से आगे डोमनाला पुल इतना सकरा है कि रेलिंग भी टूट गई है। भारी वाहनों के गुजरते समय छोटे वाहन चालकों को इंतजार करना पड़ता है। यह पुल कभी भी टूट भी सकता है। मोड़ पर बने गड्ढे रात में नजर ही नहीं आते जिला और ब्लॉक मुख्यालय आने के लिए लोग इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। उरगा ढाबा के आगे मोड़ पर गड्ढे होने से कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। यही नहीं थाना के सामने भी धूल का गबार उड़ते रहता है।
सड़क से सोल्डर भी गायब हो गया है। मंजूरी के बाद बनेगी फोरलेन, अभी करा रहे मरम्मत: ईई पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता जीआर जांगड़े का कहना है कि 10 किलोमीटर सड़क को फोरलेन बनाने का प्रस्ताव भेजा है। अभी मंजूरी नहीं मिली है, जहां सड़क खराब है, उसकी मरम्मत कराई जा रही है। प्रस्ताव में पुल की चौड़ाई बढ़ाना भी शामिल है। मानिकपुर कोयला खदान से निकलने वाले भारी वाहन इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं। इसके साथ ही बंद पड़े खदान में राखड़ पाटने का काम भी चल रहा है। शहर से होकर चांपा की ओर जाने वाले भारी वाहन भी इसी सड़क पर निर्भर है। इसके कारण ही सड़क खराब हो रही है।
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