नई दिल्ली । लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है। लोक सभा से गुरुवार को पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए सांसदों ने नए संसद भवन के मेन गेट पर प्रदर्शन किया। सोनिया गांधी ने भी मेन गेट पर बैठे निलंबित सांसदों से जाकर मुलाकात की।
इसके बाद निलंबित सांसदों के साथ-साथ विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने प्लेकार्ड लहराते हुए संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास जाकर प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि, विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण शुक्रवार को भी लोक सभा की कार्यवाही नहीं चल पाई।
शुक्रवार को जैसे ही सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसद प्लेकार्ड लहराते हुए और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। सदन के हालात देखकर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने कुछ ही सेकंडों के भीतर लोक सभा की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
विपक्षी सांसद लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। विपक्षी सांसद लोक सभा की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का लोक सभा के दर्शक दीर्घा का पास बनवाने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे थे।
दरअसल, लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है, वहीं सरकार अतीत में हुई इस तरह की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए यह कह रही है सदन के कस्टोडियन स्पीकर हैं और पहले भी इस तरह की घटनाओं में स्पीकर ने ही फैसले किए हैं।
विपक्ष द्वारा सरकार पर अपनी आवाज दबाए जाने के लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आवाज दबाने का आरोप गलत है, वे तो उनकी आवाज बुलंद करने की कोशिश कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बिल चर्चा के लिए लिस्टेड है, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, विपक्ष आए और सदन में बिल पर चर्चा करे।
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