कोरबा,14 दिसंबर। राष्ट्रीय सेवा योजना व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में सुरक्षित बचपन समृद्धि का सुनहरा भविष्य पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा में किया गया । बाल सुरक्षा, लिंग भेद तथा जीवन कौशल शिक्षण पर केंद्रित कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण कार्यशाला में कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा, शासकीय ई वी पी जी महाविद्यालय, शा मिनीमाता कन्या महाविद्यालय तथा श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कन्या महाविद्यालय के 100 से अधिक रासेयो स्वयंसेवको व कार्यक्रम अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ नीता वाजपेयी राज्य रासेयो अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के मार्गदर्शन में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला को गुजरात से पधारी यूनिसेफ के मास्टर ट्रेनर सेजल चिन्मय जोशी, दुर्गा शंकर नायक व डेनियल सेल्वा ने यूनिसेफ के मानदंडों के अनुरूप बाल अधिकार, बाल हिंसा, बाल श्रम, शारीरिक दंड, मानसिक स्वास्थ्य, नशीले पदार्थों से जुड़े विषयों पर खेल, समूह में विभिन्न विषयों पर सामूहिक चर्चा उपरांत प्रस्तुति कर समस्याओं के निदान के लिए अपनी सुझाव देने हेतु स्वयं सेवकों को सिखाया गया। उन्होंने ग्रामीण समाज में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि विषयों की अनदेखी तथा पालकों व समाज के लोगों की मानसिकता बदलने के लिए अनेक टिप्स भी सिखाए गए।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा के व राष्ट्रीय सेवा योजना जिला संगठक वाय के तिवारी के नेतृत्व में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में कार्यक्रम अधिकारी जी एम उपाध्याय, डॉ श्रीमती डेजी कुजूर, श्रीमती गौरी वानखेडे, अजय पटेल, श्रीमती मधु कंवर के अलावा यूनिसेफ कोरबा के प्रथमेश मानेकर ने भी टीम लीडर के रूप में भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
04 विकासखंडों में सुरक्षित पारा, सुरक्षित लईकामन अभियान चलाएगी रासेयो–
राष्ट्रीय सेवा योजना एक दिवसीय प्रशिक्षण के बाद 8 दलों में वितरित एन एस एस स्वयंसेवक कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली विकासखंड के 20 से अधिक गांव में सुरक्षित पारा, सुरक्षित लईकामन अभियान चलाकर स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा बच्चों के पालकों से संपर्क कर बच्चों के प्रति अधिक सकारात्मक माहौल बनाने तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रेरित करेंगे।
कार्यशाला के आयोजन में महाविद्यालय के वरिष्ठ स्वयंसेवक जयप्रकाश पटेल, मनीष चंद्रा , वर्णीता सीमा बखला, देवांश तिवारी, चमन पटेल, सन्नी राव जगताप, चंद्रमुखी पांडेय, आरती साहू आदि स्वयंसेवकों का सक्रिय योगदान रहा।
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