चेन्नई। गंभीर चक्रवाती तूफान मिगजॉम 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ बापटला जिले के करीब आंध्र प्रदेश तट को पार कर गया। वहीं, चेन्नई और उसके आसपास बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में अब तक कम से कम 12 लोगों की जान चली गई है, क्योंकि चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण सोमवार को शहर और आसपास के जिलों में लगातार बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि चक्रवात मिचुआंग की भूस्खलन प्रक्रिया पूरी हो गई है। चेन्नई के पश्चिम ताम्बरम के बाढ़ग्रस्त कृष्णा नगर इलाके में रहने वाले लोगों को फुली हुई नावों का उपयोग करके बचाया जा रहा है। पुलिस, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों द्वारा बचाव प्रयास जारी हैं।
अधिकारी ने कहा कि लकड़ी एवं पोल कटर से लैस और नौकाओं के साथ बचाव दल पहले से ही तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में मार्ग-साफ करने का काम कर रहे हैं, जहां मंगलवार सुबह चक्रवात ने कहर बरपाया था। एनडीआरएफ के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ अतिरिक्त टीम को तैयार रखा गया है और राज्य सरकारों द्वारा मांग किए जाने पर उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। बापटला जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वकुल जिंदल ने बताया कि क्षेत्र में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि 21 चक्रवात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि जिले में 10 पेड़ उखड़ गए हैं और पुलों में पानी सुरक्षित सीमा से बढ़ गया है।
कुछ लोगों को वाहनों से राहत शिविर ले जाया गया और आस-पास रहने वाले लोग वहां पैदल चले गए। इससे पूर्व सोमवार को बापटला के जिला कलेक्टर रंजीत बाशा, जिंदल एवं विधायक के. रघुपति ने सूर्यलंका तट का दौरा किया था और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे। जिले में हर थाने में जेसीबी मशीन, कटर मशीन, रस्सियां और विशेषज्ञ तैराक हैं। पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस ने 24 संवेदनशील पुलों की पहचान की है और वहां पुलिस कर्मियों को तैनात किया। इसी तरह 300 पुलिस कर्मियों और अन्य अधिकारियों को उन गांवों में तैनात किया गया है जहां बाढ़ आने की आशंका है। आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त 60 पुलिसकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है।
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