Adani Green का मिशन 2030 : एक्स्ट्रा 2200 करोड़ डॉलर के निवेश से इस बड़े लक्ष्य पर निशाना

देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल पावर प्रोड्यूसर अदाणी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) अपनी क्षमता तेजी से बढ़ा रही है। देश में इलेक्ट्रिसिटी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है तो इसे पूरा करने के लिए अदाणी ग्रीन 2200 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगी।

इस निवेश के जरिए यह 2030 तक अपनी क्षमता पांच गुने से अधिक बढ़ा लेगी। कंपनी के सीईओ अमित सिंह ने दुबई में आयोजित यूनाइटेड नेशंस COP28 क्लाइमेट समिट के दौरान ब्लूमबर्ग टेलीविजन से बातचीत में ये बातें कहीं। अमित ने कहा कि विदेशों में विस्तार से पहले भारतीय बाजार पर फोकस करना कंपनी के आर्थिक आर्थिक हित और देश हित में है।

Adani Green की ये है पूरी योजना

अदाणी ग्रीन की योजना दो साल में यानी मार्च 2025 तक 450 करोड़ डॉलर खर्च करने और अपनी कैपेसिटी 8 गीगावाट बढ़ाने की है। कंपनी की योजना इस दशक के आखिरी तक 45 गीगावॉट तक पहुंचने की है। अमित के मुताबिक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभी इंस्टॉलेशन का काम जिस स्पीड से हो रहा है, वह काफी नहीं है तो ऐसे में इसकी स्पीड बढ़ाने पर काम हो रहा है। पिछले दो साल में अदाणी ग्रीन ने अपनी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी को दोगुने से अधिक बढ़ा लिया है।

सालाना 7% की दर से बढ़ रही देश में बिजली की मांग

भारत में बिजली की मांग सालाना 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है। अदाणी ग्रीन के सीईओ के मुताबिक इसके चलते दूसरे देशों में विस्तार की योजना पर अभी काम नहीं हो रहा है। भारत में जिस तेजी से बिजली की मांग बढ़ रही है, उसके चलते ब्लैकआउट यानी पूरी तरह से बत्ती गुल होने की स्थिति आने से बचाने के लिए सरकार ने रिन्यूएबल और थर्मल कैपेसिटी को जोड़ने का आदेश दिया है। भारत में अभी 70% बिजली कोयले से मिलती है। हालांकि इसका लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट क्लीन एनर्जी हासिल कर तेल पर अपनी निर्भरता कम करने की है। भारत ने 2070 तक कॉर्बन न्यूट्रिलिटी का लक्ष्य फिक्स किया है तो ऐसे में फॉसिल्स फ्यूल्स से दूरी बनाने पर काम हो रहा है।

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