Bilaspur News :ATR में अब बाघों की होगी बेहतर मानिटरिंग

बिलासपुर,05 दिसम्बर   अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघों की बेहतर मानिटरिंग के लिए एक बदलाव किया है। मानिटरिंग टीम (स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स) की कमान एंटी पोचिंग टीम को सौंप दी है। प्रोटेक्शन फोर्स के सदस्य परिक्षेत्र अधिकारियों की बजाय एंटी पोचिंग प्रभारी को रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा उनके दिशा-निर्देश पर ही कार्य करेंगे। यह बदलाव केवल इसीलिए किया गया है, ताकि बाघों की बेहतर निगरानी हो सके।

अचानकमार टाइगर रिजर्व में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स कई साल से काम कर रही है। इस फोर्स का गठन केवल बाघों की निगरानी के लिए किया गया है। इसमें दैनिक श्रमिक शामिल होते हैं। वर्तमान में टाइगर रिजर्व के भीतर सात रेंज हैं। चार कोर में, जिसमें अचानकमार, छपरवा, लमनी व सुरही शामिल हैं। वहीं तीन बफर जोन में हैं। इनका काम केवल बाघों की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखना।

जिस जगह पर मूवमेंट हो, वहां की स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार करनी है। इसके अलावा सुरक्षा भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। यह टीम कभी हाथी पर चढ़कर तो लगातार मचान पर बैठकर निगरानी करते हैं। मानिटरिंग व सुरक्षा के लिहाज से अचानकमार टाइगर रिजर्व में इस टीम की बड़ी उपयोगिता है। यह वजह है कि सभी सात रेंज में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है।

अब प्रबंधन ने इनकी कमान एंटी पोचिंग टीम को दे दी है, ताकि मानिटरिंग और भी बेहतर ढंग से हो सके। इसके लिए किसी तरह की दिक्कत या शिकार जैसी घटनाओं की भनक भी लगे तो चौतरफा घेराबंदी कर अपराधी को गिरफ्तार कर सके। पहले प्रोटेशन फोर्स के सदस्य जिस रेंज में वह पदस्थ है, वहां के परिक्षेत्र अधिकारियों के निर्देश पर काम करते थे और उन्हें ही रिपोर्ट करते थे। इस व्यवस्था से कहीं न कहीं उनकी कार्यशैली पर प्रभाव पड़ता दिखा। जिसे महसूस करते हुए ही यह आदेश जारी कर दिया गया है कि अब इसके सदस्य एंटी पोचिंग प्रभारी के दिशा- निर्देश पर ही काम करेंगे।

32 सदस्य करते हैं मानिटरिंग

टाइगर रिजर्व में सात रेंज हैं। इन सभी जगहों पर एक-एक प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है। अचानकमार, छपरवा, लमनी व सुरही कोर जोन और केंवची, कोटा व लोरमी बफर को मिलकर 32 सदस्य बाघ मानिटरिंग के इस कार्य को पूरा कर रहे हैं। जहां भी पर्यटकों को बाघ नजर आते हैं वैसे ही यह सदस्य मौके पर पहुंचकर यह अवलोकन करते हैं कि बाघ को किसी तरह का खतरा तो नहीं है। वह किस जगह पर नजर आया है। बकायदा लोकेशन दर्ज किया जाता है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनती है और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकारण को भेजा जाता है, ताकि उन्हें एटीआर की स्थिति की विस्तृत जानकारी मिलती रहे।

पिछले दिनों दिखा था बाघ

अचानकमार टाइगर रिजर्व की अब धीरे-धीरे आलोचना बंद होने लगी है। दरअसल अब वन अमले के अलावा पर्यटकों को बाघ नजर आने लगे हैं। पिछले दिनों सरकंडा के एक पर्यटक व उनके परिवार के सदस्यों को बाघ नजर आया। यह नजारा उनके लिए किसी रोमांच से कम नहीं था। वनकर्मियों को तो यह नजर आ ही जाता था। अब पर्यटकों भी बाघ दिखने लगा है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]