एड्स दिवस की थीम समुदाय को नेतृत्व करने दें तथा 1097 की दी गई जानकारी
कोरबा, 1 दिसम्बर I एड्स लाइलाज है एचआईवी की जांच करवाकर दवा लेने, परामर्श मनाने, पोषण आहार लेने, जीवनचर्या तथा व्यवहार बदलकर एचआईवी की भयावहता को कम करते हए उसे हराया जा सकता है। जानकारी का विस्तार ही समाज में एचआईवी एड्स को समाप्त करने में मदद करेगा जिसमे युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, उक्त उद्गार कमला नेहरू महाविद्यालय की रेड रिबन क्लब के द्वारा विश्व एड्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर द्वारा युवाओं के समक्ष व्यक्त किए गये।
छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति तथा उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार युवाओं को प्रेरित करते हुए समाज में एचआईवी एड्स के प्रति जागरुकता का विस्तार करते हुए उन्हें केंपस एम्बेसडर के रूप में कार्य करने हेतु रासेयो जिला संगठक तथा रेड रिबन क्लब प्रभारी वाय के तिवारी के द्वारा प्रशिक्षित किया गया तथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा 2023 के लिए निर्धारित थीम समुदाय को नेतृत्व करने दें व टॉल फ्री नम्बर 1097 की जानकारी प्रदान की गई। देश के 35000 से अधिक सरकारी स्वास्थ्य केदो में एचआई वी की स्क्रीनिंग टेस्ट तथा आईटीसी केन्द्रों में जांच की मुफ्त सुविधा तथा काउंसलिंग के बारे में युवाओं को जानकारी प्रदान की गई। रेड रिबन क्लब के सदस्यों द्वारा प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर, सहायक प्राध्यापकों तथा स्वयंसेवकों का रेड रिबन लगाकर स्वागत किया गया तथा एचआईवी एड्स के कलंक को रोकने में अपना योगदान करने की सबने प्रतिज्ञा ली।
निबंध तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन-
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी जी एम उपाध्याय के नेतृत्व में विश्व एड्स दिवस पर एचआईवी एड्स के बचाव में युवाओं की भूमिका विषय पर निबंध तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना तथा रेड रिबन क्लब के 70 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ एस सी तिवारी, वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रो बी के वर्मा, सहायक प्राध्यापक टी व्ही नरसिम्हम, डॉ सुनील तिवारी, आशुतोष शर्मा ने सक्रिय सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय के वरिष्ठ स्वयंसेवक मनीष चंद्रा, सन्नी राव जगताप, देवांश कुमार तिवारी, चमन पटेल, रेड रिबन क्लब प्रभारी अनुष्का शुक्ला, देवेंद्र जायसवाल, पूजा तिवारी, अंजली यादव, स्पर्श गोस्वामी यामिनी यादव, करण सिंह आदि स्वयंसेवकों का सक्रिय योगदान रहा।
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