रायपुर,29 नवंबर । छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला गया है। बादलों की लुकाछिपी तो तीन-चार दिनों से चल रही थी, लेकिन मंगलवार को राजधानी समेत बस्तर, सरगुजा, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर आदि शहरों में कहीं हल्की बूंदाबांदी तो कहीं ठीक-ठाक बारिश हुई। इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। जांजगीर सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं राजधानी रायपुर में दिन के अधिकतम तापमान का पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड टूटते हुए यह 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सात डिग्री तक गिरा अधिकतम तापमान
प्रदेश के विभिन्न जिलों के अधिकतम तापमान में सात डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। रायपुर का अधिकतम तापमान 26.4 डिसे दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। वहीं पेंड्रा रोड में अधिकतम तापमान 19.6 डिसे दर्ज किया गया, जो सामान्य से सात डिसे कम रहा। बिलासपुर व दुर्ग में भी अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिसे कम रहा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश की स्थिति निर्मित हुई है।
सहकारी समितियों में धान की सुरक्षा तेज
मौसम का मिजाज बदलने से खरीदी केंद्रों में धान की सुरक्षा के लिए भागदौड़ मची रही। सहकारी समितियों ने वर्षा की आशंका के मद्देनजर पहले से ही तैयारियां थीं, बावजूद इसके कई स्थानों पर अव्यवस्था भी रही। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत मंदिर हसौद के एक केंद्र में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्रों में धान को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली, इंदौर व बेंगलुरु की उड़ानों पर असर
कोहरे और बारिश का असर हवाई उड़ानों पर भी रहा। रायपुर से दिल्ली, इंदौर, बेंगलुरु टेकआफ होने वाली फ्लाइट डेढ़ से दो घंटे विलंब से उड़ान भर पाई। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले विमानों पर मौसम का असर देखा गया।
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