मंगलवार के दिन विशेष रूप से नीम के पेड़ की पूजा की जाती है। नीम के पेड़ को हमारे सनातन धर्म में एक तरह से भगवान का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि इस पेड़ से खास तरह की सकारात्मक ऊर्जा होती है, जिसे घर में या घर के बाहर लगाने से हमारे आसपास नकारात्मक ऊर्जा दूर दूर तक नहीं भटकती है। इस वजह से नीम के पेड़ को हमारे हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। आइए जानते हैं ये कैसे लाभकारी होता है।
यदि आप नीम के पेड़ को घर में या बाहर लगाना चाहते हैं तो हमेशा दक्षिण दिशा की ओर ही लगाना चाहिए। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में नीम की लकड़ी का भी महत्व है। इसका इस्तेमाल करके जातक कई तरह के दोषों से छुटकारा पा सकता है।
नीम का पेड़ लगाने के लाभ
- नीम के पेड़ को मंगलदेव और हनुमान जी का पेड़ माना जाता है। मान्यता है कि इसकी पूजा करने से मंगल दोष दूर होते हैं।
- अगर मकान दक्षिणमुखी है तो मुख्यद्वार से दोगुनी दूरी पर नीम का पेड़ लगाना चाहिए। इससे दक्षिण दिशा का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है।
- मंगल की दिशा दक्षिण की दिशा मानी गई है। नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। इसलिए घर की दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए।
- नीम का पेड़ घर के सामने हो तो यहां कीड़े, मकोड़े और मच्छरों का प्रकोप नहीं रहता है। यह दांतों को भी निरोग रखता है।
- माना जाता है कि इस पेड़ की सेवा करने से जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होता है। इसके प्रभाव से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है।
- माना जाता है कि नीम की पूजा करने से शनि दोष भी समाप्त हो जाता है। मंगलवार की शाम को नीम के पेड़ पर जल चढ़ाएं और चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
- 11 मंगलवार तक लगातार ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और कार्य में किसी भी तरह की बाधा नहीं आती है।
- ज्योतिष शास्त्र में भी नीम का संबंध शनि और केतु से जोड़ा गया है। इसलिए उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाने से दोनों ही ग्रहों की शांति होती है।
- नीम के पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- नीम की लकड़ी से हवन करने से क्रोधित शनि शांत होते हैं। वहीं इसकी लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है।
- मकर या कुंभ राशि के लोगों को घर के पास नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। इसे विशेष फलदायी माना गया है।