सत्संग से जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है : पंडित सुधीर दास शास्त्री


कोरबा, 27 नवम्बर । इस कलिकाल में मनुष्य क्षण भर के लिए भी भगवान का सच्चे मन से स्मरण कर ले, तो उसका यह लोक ही नहीं परलोक भी सुधर सकता है। मनुष्य को संसार की बजाए भगवान से आसक्ति करनी चाहिए।


उक्त उद्गार धर्म और राजा राम मंदिर के प्रचार प्रसार के लिए अयोध्या से कोरबा पधारे श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष और उत्तराधिकारी के शिष्य पंडित सुधीर दास शास्त्री ने परशुराम सेना द्वारा ब्रह्म वाटिका में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में कहीं । इस अवसर पर आयोजित यज्ञ में श्रद्धालुओं ने सुख,शांति व समृद्धि के लिए आहुतियां डाली।


इस दौरान भजन संगीत करते हुए कथावाचक शास्त्री ने भगवान की लीलाओं और मनुष्यों की आवश्यकताएं और मानुष तन की उपयोगिता का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से हम अपने नैतिक कर्म, मूल्यों व नैतिक विचारों को प्रकट कर सकते हैं। सत्संग से हमें जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। सत्संग से ही हम मर्यादा में रहना सीखते हैं। हमें अपने बच्चों को पुरस्कार की बजाए संस्कार देने का प्रयास करना चाहिए। यह तभी संभव है जब हम अपने परिवार के साथ मर्यादा में रह कर भगवान का स्मरण करें।

इस कार्यक्रम के बाद आचार्य बजरंग दल द्वारा आयोजित मुंबई हमले के शहीदों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुये ।