चार्टर्ड अकाउंटेंट को हमेशा कर चोरी की निंदा करनी चाहिए: धनखड़

गांधीनगर । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को हमेशा कर नियोजन के पक्ष में जाना चाहिए और कर चोरी की निंदा करनी चाहिए। कर योजना और कर चोरी के बीच एक बारीक रेखा है। इसका विस्तार कर धोखाधड़ी और कर चोरी तक नहीं होना चाहिए।

श्री धनखड़ ने यहां  वैश्विक व्यावसायिक लेखाकार सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता एवं आर्थिक विकास को खतरे में डालती है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहा, प्रहरी के रूप में आपकी क्षमता इन्हें नियंत्रित करने में काफी सक्षम है।

उपराष्ट्रपति ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को एमआरआई और सीटी स्कैन के आर्थिक स्वरूप में वर्णित करके रेखांकित किया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की अनूठी भूमिका में किसी भी तरह की कमी से देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक कर प्रणाली को कर पेशेवर अच्छी या जटिल बनाते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सुगमता और पारदर्शिता बढ़ाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को बेंचमार्क करने में वैश्विक नेतृत्व बनने की प्रतिज्ञा लें।

उन्होंने कहा, कर नियोजन पर सलाह देना आपका क्षेत्र है। लेकिन इस क्षेत्र में एक बहुत बारीक रेखा है। इसका विस्तार कर धोखाधड़ी और कर चोरी तक नहीं होना चाहिए। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कर नियोजन और कर चोरी के बीच इस पतली रेखा का संरक्षक बताते हुए उनसे कहा, हमेशा कर नियोजन के पक्ष में सुझाव दें और कर चोरी की निंदा करें।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वित्तीय अखंडता के संरक्षक के रूप में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पारदर्शी और उत्तरदाई वित्तीय प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिए कार्रवाई करके उदाहरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। यदि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट दृढ़ संकल्पित है तो कोई कानूनी उल्लंघन या विंडो ड्रेसिंग नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा, आप अकेले ही ऐसा कर सकते हैं। ऐसा कोई और नहीं कर सकता। यह आपका विशिष्ट क्षेत्र है। जब कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट खड़ा होता है, तो प्रतिरोध क्षणिक हो सकता है, अंततः उसे ही जीत मिलती है। उन्होंने देश की आर्थिक वृद्धि को ‘तंत्रिका केंद्र और उपकेंद्र’ के रूप में चलाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया, जो वर्ष 2047 में भारत को आकार देगा।

उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने, गड़बड़ियों को उजागर करने और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का पता लगाने में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ संकल्प कानूनी उल्लंघनों और विंडो ड्रेसिंग प्रथाओं को समाप्त कर सकता है। उन्होंने यह चेतावनी दी कि ‘नैतिकता से समझौता करना आर्थिक दुनिया में भूकंप से कम नहीं है।’

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