SECL गेवरा खदान में डंपर जलने की घटना की एचएमएस ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की

कोरबा,25 नवम्बर। एसईसीएल गेवरा खदान में डंपर जलने की घटना सामने आने के बाद भारी भरकम मशीनों के मेंटेनेंस पर सवाल उठने लगे हैं। एचएमएस ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष रेशम लाल यादव ने एसईसीएल गेवरा एरिया के जीएम को लिखे पत्र में बताया कि बीते दिनों 240 टन वजनी डंपर में आग लगने से कंपनी प्रबंधन को आर्थिक नुकसान हुआ है।

पहले भी डंपर में आग लगने की घटना सामने आ चुकी है। बता दें कि मिट्‌टी की परत हटाने से लेकर कोयला खनन व परिवहन में भारी भरकम मशीनों का इस्तेमाल होता है। डंपर, क्रेन, डोजर समेत अन्य कई मशीनों का उपयोग होता है। इन मशीनों के मेंटेनेंस का जिम्मा एसईसीएल ने खुली खदानों में निजी कंपनी को सौंपा है।

कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) के केन्द्रीय अध्यक्ष रेशमलाल ने पत्र में बताया है कि डंपर में फाल्ट आने की जानकारी मेंटेनेंस का जिम्मा संभालने वाली निजी कंपनी जेम्मको को दी गई, लेकिन कंपनी के कर्मियों ने डंपर को पार्किंग यार्ड में लाने कहा गया। चूंकि अधिक मात्रा में ऑयल लीकेज थी, इसकी वजह से डंपर में आग लग गई। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

इंजन स्टॉप सेंसर में खराबी आने पर नहीं करते सुधार

पत्र में यह भी बताया है कि डंपर में इंजन स्टॉप सेंसर लगा रहता है। इसका काम लो कूलेंट और लो इंजन ऑयल की स्थिति में इंजन बंद हो जाती है, लेकिन डंपरों के खराब सेंसर का सुधार कार्य नहीं किया जाता है। इसकी वजह से भी डंपर में आग लगने की घटना सामने आई है। उक्त कंपनी के पास मैनपावर की कमी है। इंजीनियर और कुशल कर्मचारियों के नहीं होने से मेंटेनेंस का काम प्रभावित होता है। इसका असर खदान के कोयला उत्पादन से लेकर डंपर जलने की घटना से एसईसीएल को आर्थिक नुकसान होता है।