India Team: अब युवाओं पर होगा टीम को आगे ले जाने का जिम्मा, टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में होगी पहली परीक्षा

भारत की वर्ल्ड कप फाइनल में हार के बाद भावशून्य हो चुके विराट कोहली उपविजेता का पदक लेने के लिए जाने से पहले उन्हीं की तरह भावशून्य दिख रहे शुभमन गिल से हाथ मिलाते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। ऐसा लगा कि भारत के तीसरा विश्व कप नहीं जीत पाने के बाद यह भारतीय क्रिकेट का जिम्मा अगली पीढ़ी को सौंपने का भी स्पष्ट संकेत था।

कोहली, रोहित शर्मा और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी अभी कुछ समय तक बने रहेंगे, लेकिन भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अब युवा पीढ़ी के कंधों पर होगी। इन खिलाड़ियों में गिल, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन, ऋतुराज गायकवाड़, यशस्वी जायसवाल और चोट से उबर रहे ऋषभ पंत शामिल हैं, जिनकी पहली परीक्षा अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप में होगी।

युवाओं को मिले पर्याप्त अवसर

इन खिलाड़ियों को शीर्ष स्तर पर खेलने का पर्याप्त अनुभव है और कई अवसरों पर वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ियों की विरासत को आगे बढ़ाना आसान काम नहीं होगा। पिछले डेढ़ दशक में इन खिलाड़ियों ने विश्व क्रिकेट में अपनी विशेष जगह बनाई है तथा अपने कौशल, स्थायित्व और मानसिक दृढ़ता का शानदार परिचय दिया है।

जायसवाल और गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों को देने होंगे मौके

पीटीआई से बात करते हुए एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा कि यह सही है। भारत को अपने बड़े खिलाड़ियों की सेवाएं लंबे समय तक नहीं मिल सकती हैं। इसलिए संबंधित लोगों को अगले तीन या चार साल के लिए पहले से ही योजना बनानी होगी तथा जायसवाल और गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों को लगातार मौके देने होंगे, ताकि वह बड़े टूर्नामेंट के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।

रोहित को दो वर्ष तक कप्तान बनाए रखने की आवश्यकता

भले ही ऐसा लग रहा होगा कि विश्व कप में हार के बाद रोहित शर्मा के सारे सपने चकनाचूर हो गए, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम को अभी उनकी आवश्यकता है और उन्हें कम से कम दो साल तक लंबे प्रारूप का कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। राहुल द्रविड़ का कप्तानी कार्यकाल 2007 में जब समाप्त हुआ तो महेंद्र सिंह धोनी उनकी जगह लेने के लिए तैयार थे।

जब धोनी ने कप्तानी छोड़ी तो विराट कोहली को पहले से ही तैयार कर दिया गया था। इसी तरह से रोहित भी कोहली से जिम्मेदारी लेने को तैयार थे, लेकिन वर्तमान टीम में कोई भी युवा अभी कप्तानी की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं लगता और ऐसे में चयनकर्ताओं के पास रोहित को कप्तान बनाए रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

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