इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आयोजित आर्ट एग्जिबिशन में विद्यार्थियों ने दिखाई अपनी प्रतिभा, बनाए एक से बढ़कर एक आकर्षक कलाकृतियां


कोरबा, 20 नवम्बर । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आर्ट एग्जिबिशन का आयोजन किया गया। इस कला प्रदर्शनी में विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों ने आर्ट एंड क्राफ्ट प्रशिक्षक श्रीमती अंशुल रानी के मार्गदर्शन में विभिन्न प्रकार के कलाकृतियां को अपनी कल्पनाओं के साथ आकार दिया। विद्यालय में आयोजित इस कला प्रदर्शनी में बच्चों अभिभावकों एवं शिक्षकों का उत्साह अपने चरम पर था। बच्चों के द्वारा बनाए गए वॉल हैंगिंग बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट से बने हुए विभिन्न आकर्षक कलाकृतियां, मधुबनी आर्ट ,मंडेला आर्ट ,वरली आर्ट इत्यादि कलाकृतियों को देखकर सभी आगंतुक प्रसन्नचित हो गए। इसआर्ट प्रदर्शनी में उत्कृष्ट कलाकृति प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता एवं आगंतुक निर्णायक श्री विवेक अग्रवाल के करकमलो द्वारा प्रमाण पत्र देकर उत्सवर्धन किया गया।विद्यार्थियों ने मिट्टी से भी अनेक कलाकृतियां बनाई।सभी कलाकृतियां बहुत ही आकर्षक एवं अद्वितीय थी।


इंडस पब्लिक स्कूल की आर्ट टीचर श्रीमती अंशुल रानी ने बताया कि विभिन्न प्रकार के रंगों के उपयोग से बच्चे जहां एक और रंगों के महत्व से वाकिफ होते हैं वहीं अलग-अलग प्रकार के चित्रों को बनाकर हम अपनी भावनाओं को भी व्यक्त करते हैं ।आर्ट एंड क्राफ्ट के माध्यम से वस्तुओं के महत्व को समझ कर उसको सदा उपयोग करने के लायक बनाते हैं। जिससे कि हमारी कलात्मक में भी निखार आता है ।निरंतर क्रियाशील रहने से हमारी कल्पना शीलता भी बढ़ती है और हम बहुत सारी चीज सीख जाते हैं।

विवेक अग्रवाल ( वरिष्ठ एवं ख्यातिलब्ध आर्ट टीचर) मैं बताया कि हम अपनी कलाओं को दुनिया के सामने भी ला सकते हैं। एक से बढ़कर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर हम अपनी प्रतिभा को एक नया उड़ान दे सकते हैं ।एक से बढ़कर एक प्लेटफार्म अभी की स्थिति में उपलब्ध है ।ऑनलाइन मोड में हमें बस अपने मेहनत को उस साइट पर पोस्ट करना है और हमें फिर मिलता है विदेश में अपनी प्रतिभा को दिखाने का बहुत अच्छा अवसर।कला शिक्षा आत्म-अभिव्यक्ति और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कला छात्रों को खुद को अभिव्यक्त करने और अपनी भावनाओं और विचारों का पता लगाने के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करती है। कला बनाने की प्रक्रिया के माध्यम से, छात्र अधिक आत्म-जागरूक होना और अपनी भावनाओं और प्रेरणाओं को समझना सीखते हैं। उदाहरण के लिए, कविता लिखना या पेंटिंग बनाना भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक आउटलेट प्रदान कर सकता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल हो सकता है।


विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि स्कूल में चारों तरफ सीखने का ही माहौल होना चाहिए क्योंकि सीखा हुआ ज्ञान स्थाई और अविस्मरणी होता है ।आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रशिक्षण से बच्चे कल्पनासील बनते हैं ।वह अपनी भावनाओं को आकार देते हैं। रंगों के महत्व को समझ कर बच्चे अपनी अपनी प्रतिभा को नया आकार देते हैं ।हमारे विद्यालय में आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रशिक्षण पर बच्चों को निरंतर प्रोत्साहित किया जाता है। हमारा उद्देश्य बच्चों के समय का सदुपयोग कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है ।उनकी प्रतिभा को सतत निखारना है।यह (कला शिक्षा) महत्वपूर्ण सोच और समस्या समाधान कौशल को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कला बनाने की प्रक्रिया में अवलोकन, विश्लेषण और व्याख्या जैसे महत्वपूर्ण सोच कौशल के उपयोग की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एक पेंटिंग बनाते समय, एक सफल कृति बनाने के लिए एक कलाकार को विषय का निरीक्षण करना चाहिए, रचना का विश्लेषण करना चाहिए और उनकी टिप्पणियों की व्याख्या करनी चाहिए। इसी तरह, संगीत के एक टुकड़े की रचना करते समय, एक संगीतकार को संरचना और सामंजस्य का विश्लेषण करना चाहिए, और एक सुसंगत और प्रभावी रचना बनाने के लिए उनके विचारों की व्याख्या करनी चाहिए।