दिवाली के दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा की जाती है, लेकिन नेपाल ऐसा देश है, जहाँ दीपावली के दिन कौए और कुत्ते की पूजा होती है. इसके लिए बाकायदा कार्यक्रम किये जाते हैं.
देश के शीर्ष पद पर बैठे राजनैतिक लोग कुत्तों की पूजा वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं. इस बार उप प्रधानमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कुत्तों की पूजा के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उप प्रधानमंत्री श्रेष्ठ ने पांच दिवसीय उत्सव के दूसरे दिन ‘कुकुर तिहार’ या कुत्तों की पूजा के लिए एक विशेष उत्सव में भाग लिया – जिसे यम पंचक भी कहा जाता है. चंद्र कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष यह लक्ष्मी पूजा के दिन ही मनाया जा रहा है.
उप प्रधानमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा, ”दीपावली जैसा त्योहार मनाना लोगों के बीच सद्भावना विकसित करने, सामाजिक सद्भाव पैदा करने और उनके बीच राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा है.” उप प्रधानमंत्री ने काठमांडू से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित पशु पुनर्वास केंद्र स्नेहा केयर में कुकुर तिहार उत्सव में भाग लिया ,जहां वह कुत्ते की पूजा में इस केंद्र के संस्थापक और अध्यक्ष स्नेहा श्रेष्ठ के साथ शामिल हुए. पुनर्वास पशु केंद्र दर्जनों गायों, भैंसों, बकरियों, भेड़ों और सूअरों के अलावा 150 से अधिक आवारा कुत्तों का घर है. यह केंद्र घायल और लावारिस कुत्तों, गायों और अन्य घरेलू जानवरों कोआश्रय प्रदान करता है. यम पंचक शनिवार को शुरू हुआ, जिसमें पहले दिन लोगों ने कौए की पूजा की और दूसरे दिन ‘कुकुर तिहार’ की पूजा की.
धन की प्रतीक देवी लक्ष्मी की पूजा करने के अलावा, नेपाली लोग तीसरे दिन गाय की भी पूजा करते हैं और उन्हें खाना खिलाते हैं. चौथे दिन मंगलवार को काठमांडू का नेवार समुदाय नेपाली वर्ष 1144 से चली आ रही परंपरा के मुताबिक ‘म्हा पूजा’ या आत्म-पूजा मनाता है. पांचवे और अंतिम दिन ‘भाई टीका’ का पर्व मनाया जाता है.
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