चुनावी भागदौड़ में CM भूपेश बघेल की ताजगी का राज, नाती-पोते से दुलार और कैंडी क्रश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा चुनाव में लगातार दौरे कर रहे हैं। प्रतिदिन चार से पांच दौरे और चुनावी सभा में भाषण के बाद भी उनके चेहरे पर कोई तनाव, थकावट नहीं दिखती। उनके चेहरे की ताजगी का राज पता करने के लिए हमने मुख्यमंत्री के करीबियों और स्वयं मुख्यमंत्री से भी चर्चा की तो पता चला कि मुख्यमंत्री बघेल चुनावी समर के दौरान बदली दिनचर्या के बीच खुद को तरोताजा रखने के लिए अपने ही परिवार के सदस्यों का सहारा ले रहे हैं।

खासकर वह अपने घर में अपने नाती-पोतों के साथ कभी बाल खेलकर या फिर उनके साथ पूजा-पाठ करके, मंदिर की घंटी बजाकर अपनी थकान दूर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल के चेहरे की ताजगी का राज नाती-पोतों, बेटे-बेटियों से दुलार के साथ-साथ कैंडी क्रश गेम भी है।

जानकारी के अनुसार चुनावी समय में अधिक व्यस्तता के चलते मुख्यमंत्री समय निर्धारित करके अपने बेटे-बेटियों, नाती-पोतों व परिवार के सभी सदस्यों को एक ही समय पर बुलाकर उनसे मिलते हैं और उनका दुलार करते हैं। अमूमन सप्ताह में एक ही दिन ऐसा मौका मिलता है जब सीएम अपने परिवार के सभी सदस्यों से एक साथ मिल पाते हैं। बाकी समय वह देर रात बंगले में पहुंचने के बाद कभी मीडिया से चर्चा में व्यस्त रहते हैं या फिर डिनर के बाद मोबाइल पर ही कैंडी क्रशगेम खेलते हैं। वे इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं।

व्यस्तता में लोगों के लिए योजना बनाई

भूपेश- परिवार के लिए समय निर्धारित करने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बात तो सही है। वैसे भी मैं पिछले पांच साल में कभी घर पर बैठकर रहा नहीं। कोरोना काल तो छोड़ दीजिए तो बाकी समय भी हमने अपने दौरों में ही समय बिताया।

इन दिनों यह है सीएम की दिनचर्या मुख्यमंत्री बघेल रोज सुबह उठने के बाद सबसे पहले अखबारों को पढ़ते हैं। फिर योग करते हैं। नाश्ता करने के बाद वह पत्रकारों से चर्चा करते हैं और फिर अपनी सभाओं के लिए निकल जाते हैं। रात को 10 बजे बंगले पहुंचते हैं तो यहां फिर से मीडियाकर्मियों से चर्चा या फिर किसी नेता से बातचीत और दिनभर का फीडबैक लेकर दूसरे दिन की रणनीति में लग जाते हैं।