किताबों का ज्ञान हमें सिखाता है, जबकि व्यावहारिक ज्ञान हमें अनुभव करने का मौका देता है। दोनों का संयोजन हमें सफलता की ओर ले जा सकता है”- डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 6 नवम्बर । वाणिज्य व्यवसाय का एक अभिन्न अंग है, वाणिज्य को अंग्रेजी में Commerce कहा जाता है| वाणिज्य एक ऐसी क्रिया अथवा साधन है जिसमे उपभोक्ता तथा उत्पादक दोनों को समीप लाने का कार्य किया जाता हैं| सरल शब्दों में कहा जाए तो वाणिज्य एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा उद्योगों से उत्पन्न वस्तु या सेवाओ को आवश्यकता वाले उपभोक्ता तक सबसे पहले पहुँचाया जाता है| वाणिज्य को कला व विज्ञान दोनों ही माना जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत वे सभी क्रियाएं आती हैं जो उद्देश्य वितरण में उतपन्न बाधाओं को निरस्त करती हैं।

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में वाणिज्य अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| वाणिज्य को व्यवसाय का एक अभिन्न अंग माना जाता है तथा यह उपभोक्ता और उत्पादक को निकट लाने का कार्य करता है इसीलिए आज के युग में वाही देश विकसित अथवा विकासशील माना जाता है जहां पर वाणिज्य उन्नतिशील होता है वाणिज्य द्वारा ही व्यापार को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है| इसका लक्ष्य ही उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाना होता है।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के 11वी एवं 12वी कॉमर्स के विद्यार्थियों ने शिक्षक – शिक्षिकाओं के साथ एसईसीएल जीएम ऑफिस- दीपका का भ्रमण किया। विद्यार्थियों के साथ मुख्य रूप से विद्यालय के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ शिक्षक श्री दीपक मलिक एवं अन्य शिक्षक- शिक्षिका थे । इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान से अवगत कराना था। विद्यार्थियों को जीएम ऑफिस दीपका
के श्री अजय गुप्ता के द्वारा बड़े-बड़े उद्योगों में होने वाले विभिन्न लघु एवं वृहद विटी लेनदेन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही ई बैंकिंग के फायदे एवं नुकसान को भी विस्तृत रूप से श्री अजय गुप्ता जी ने विद्यार्थियो बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि आज भले ही हम जितने भी आधुनिक हो गए हैं भले ही हमारा हर कार्य इंटरनेट के जरिए आसान हो गया है लेकिन आज भी हम ठगी के शिकार हो जाते हैं। हमें कभी भी किसी फ्रॉड कॉल आने पर या अनजान नंबर से कॉल आने पर अपना मोबाइल नंबर ,आधार नंबर व एटीएम कार्ड का नंबर किसी भी स्थिति में किसी अनजान व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए ।भले ही वह कहे कि मैं बैंक से बोल रहा हूं ।ऐसी स्थिति से बचने का प्रयास करें।विद्यार्थियों की प्रत्येक शंकाओं का समाधान श्री अजय गुप्ता (फाइनेंस हेड एसईसीएल दीपका) एवं शिक्षक श्री दीपक मलिक (वाणिज्य विभाग अध्यक्ष)ने किया। वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को न सिर्फ एसईसीएल दीपका के वित्त विभाग का भ्रमण कराया गया अपितु वहां की व्यवस्था एवं कार्य करने के ढंग से भी रूबरू हुए । श्री अजय गुप्ता जी ने विद्यार्थियों को उद्योगों में वित्त विभाग की कार्य प्रणाली और वित्तीय सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी और उन्हें समझाने का प्रयास किया कि अकाउंट से संबंधित किसी भी सॉफ्टवेयर में काम कैसे किया जाता है ।
विद्यार्थियों को अकाउंट की आधारभूत जानकारी देने का अलावा उनके समक्ष डेमोंसट्रेशन के रूप में बहुत सारी इंडस्ट्रियल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के बारे में बताया गया और विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास किया गया। उन्हें बताया गया कि हमारे जीवन का कोई भी क्षेत्र व्यक्ति लेन-देन से अछूता नहीं है चाहे हम घर में हो या बाहर हो। अगर आपका कार्य क्षेत्र बड़ा है तो वित्तीय लेनदेन भी विस्तृत होगा। हमें भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए पैसे खर्च करने चाहिए। हमें भविष्य के बारे में अवश्य सोचना चाहिए ।इसका मतलब यह नहीं कि हम भविष्य के बारे में ज्यादा चिंतित होकर अपना वर्तमान ही बर्बाद कर दें ।कहने का तात्पर्य है कि हमें वित्तीय लेनदेन में अत्यंत संतुलन की एवं समझदारी की आवश्यकता होती है। हमें किसी भी क्षेत्र में वित्तीय संतुलन इस प्रकार व्यवस्थित करना चाहिए कि हम पर कर्ज की स्थिति निर्मित ना हो और हमारा प्रयास यही रहता है। वित्त विभाग के प्रमुख होने के नाते हमारा पूरा प्रयास रहता है कि हम अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर ढंग से प्रदर्शन करते हुए व्यक्ति घाटों को कम करें और हम अपनी कंपनी को लाभ के साथ आगे बढ़ाएं। अक्सर यह देखा जाता है कि एक अच्छा वित्तीय सलाहकार या एक अच्छा वित्तीय प्रबंधक वही होता है जो अपनी जिंदगी में हर एक निर्णय को सोच समझ कर लेता है एवं संतुलित निर्णय लेता है।विद्यार्थियों को वित्त विभाग के अलग-अलग कार्य क्षेत्र के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि कितने अमाउंट पर कितना जीएसटी काटा जाता है। टीडीएस किस आधार पर काटा जाता है। सभी विद्यार्थी वाणिज्य से संबंधित जानकारियों को बारीकी से समझ कर प्रसन्न चित्त हुए। विद्यार्थियों ने अपने मन में आने वाली अकाउंट से संबंधित सभी शंकाओं का समाधान किया। विद्यार्थियों ने अनुशासित होकर पूरे एसईसीएल दीपका के जी एम ऑफिस का भ्रमण किया और वहां की कार्यशैली को बारीकी से समझने का प्रयास किया ।विद्यार्थियों की हर शंकाओं का समाधान इंडस पब्लिक स्कूल के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ शिक्षक श्री दीपक मलिक ने किया।श्री दीपक मलिक के साथ श्री अजय गुप्ता जी (फाइनेंस हेड एसईसीएल दीपका )ने भी विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। श्रीअजय गुप्ता ( फाइनेंस हेड एसईसी एल दीपका ने कहा कि* जीवन में प्रत्येक जगह गणित एवं वाणिज्य का उपयोग है। या यूं कहें कि जीवन का कोई भी क्षेत्र फाइनेंस वाणिज्य या गणित से अछूता नहीं है ।हम साधारण साधारण रूप से बाजार भी जाते हैं तो वहां भी हम हिसाब किताब कर सब्जी या कोई आवश्यक सामान लेकर आते हैं। यदि हम घर की पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं तो हममें वाणिज्य का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे कि हम फिजूलखर्ची से बचे रह सके। बड़े-बड़े कंपनियों में अकाउंटेंट की नियुक्ति इसी फिजूलखर्ची को नियंत्रण में रखने के लिए और कंपनी को ऊंचाइयों या शीर्ष में पहुंचाने के लिए किया जाता है।
अकाउंटेंट्स की आज की स्थिति में प्रत्येक क्षेत्र में बहुत ज्यादा मांग है। इस क्षेत्र में आप अपना भविष्य सुरक्षित रख सकते हैं ।आप पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी ।यदि आप अकाउंटेंट हैं तो न सिर्फ आप प्रतिदिन मा लक्ष्मी को स्पर्श करेंगे अपितु मां लक्ष्मी की कृपा वाणिज्य की दृष्टि से या आर्थिक दृष्टि से आप पर बनी रहेगी। क्योंकि इस क्षेत्र में आपको अच्छी-अच्छी कंपनियां अच्छे वेतन पर नियुक्त करती हैं। समझ लीजिए कि अगर आपने वाणिज्य की बारीकी को समझ लिया तो आपका भविष्य सुरक्षित हो गया। आप इस क्षेत्र में आप अपना भविष्य सकते हैं।


इंडस पब्लिक स्कूल के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ शिक्षक दीपक मलिक ने कहा कि वाणिज्य कला तथा विज्ञान दोनों ही माना जाता है|वाणिज्य के बिना व्यावसायिक कार्य का होना लगभग असंभव है|वाणिज्य का क्षेत्र व्यापक होता है क्योंकि इसमें व्यपार में सहायक तथा व्यपार से सम्बन्धित क्रियाएं होती हैं। वाणिज्य औद्योगिकीकरण में सहायक होता है तथा तकनीकी विकास में भी सहायक होता है। हम इस क्षेत्र में निसंदेह अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। जिंदगी के प्रत्येक क्षेत्र में वाणिज्य है जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर वाणिज्य का समावेश ना हो। चाहे वह घर परिवार हो, चाहे बाजार हो या कोई दुकान हो। यदि हम में वाणिज्य की अच्छी समझ है तो बेशक हम भविष्य के लिए अच्छी बचत कर अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं। हम अनावश्यक खर्च से हमेशा बचे रह सकते हैं।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि हमारा प्रारंभ से ही उद्देश्य रहा है कि हम बच्चों को प्रत्येक विषय की तकनीकी एवं आधारभूत जानकारी देने के साथ-साथ प्रयोग जानकारी भी दिन इसी उद्देश्य से से हमने विद्यार्थियों को वाणिज्य की बेहतर समझा देने हेतु एस ई सी एल दीपका का भ्रमण कराया जहां विद्यार्थियों ने वाणिज्य की प्रत्येक बारीकियां को समझने का प्रयास किया हमारा मानना है कि विद्यार्थी किसी भी विषय को प्रयोग कर आसानी से सीख सकता है हम सभी जानते हैं की प्रायोगिक ज्ञान चिरस्थाई होता है। हमारी कोशिश रहेगी कि हम भविष्य में भी विद्यार्थियों को विभिन्न कंपनियों एवं बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों का भ्रमण कर कर एकाउंट्स की बारीकी को समझने में मदद करेंगे। आज विद्यार्थी इस क्षेत्र में भी पद नाम व पैसा कम कर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं।वाणिज्य के क्षेत्र में रोजगार व्यवसाय की अपार संभावनाएं है। कामर्स में ग्रेजुएशन के साथ प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्राप्त कर नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियों में भी करियर प्राप्त कर सकते है। डिग्री कोर्सेस के अलावा सीए, सीएस की पढ़ाई कर भी कैरियर बनाया जा सकता है।