राष्ट्र की एकता व अखंण्डता की सुरक्षा हम सबका नैतिक कर्तव्य – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 1 नवम्बर । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक विद्यार्थियां को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई । विद्यालय के सम्माननीय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं को कक्षा स्तर पर एवं सामूहिक रूप से राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व तथा राष्ट्र के प्रति योगदान के लिए भी आभार व्यक्त किया ।


सभी विद्यार्थियों ने एक स्वर से राष्ट्रीय एकता की शपथ ली तथा भविष्य में भी सतत रूप से राष्ट्र की एकता और अखंण्डता की रक्षा करने की कसम खाई । विद्यार्थियों ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ईमानदारी, पारदर्शिता, सदनिष्ठा व भ्रष्टाचार उन्मूलन की शपथ ली । विद्यार्थियों ने रैली निकाल कर सरदार वल्लभभाई पटेल के जयकारे के साथ तथा भारत माता की जय के उद्घोष के साथ स्वच्छता रैली निकाली। इस रैली में सभी कक्षा स्तर के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया एवं जन सामान्य को राष्ट्रीय एकता का संदेश देने का प्रयास किया। राष्ट्रीय एकता रैली में प्रमुख रूप से योगेश कुमार शुक्ला, देवाशीष परीदा, सुखेंद्र सिंह राय एवं हेमलाल श्रीवास का भरपूर योगदान रहा । सुखेंदु सिंह राय ने बच्चों को संबोधित करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल के देश के प्रति योगदान से अवगत कराया। श्री *सुखेंद्र सिंह राय ने* विद्यार्थियों की जानकारी में इजाफा करते हुए बताया कि आज हमारे भारत देश का नक्शा आप जो देख रहे हैं वह वास्तव में पहले ऐसा नहीं था ।पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का कार्य सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया ।एकता में अनेकता का पाठ पढ़ाने वाले हमारे देश के महान व्यक्ति थे सरदार वल्लभ भाई पटेल। उनके रीति एवं नीति तथा देश प्रेम की भावना स्पष्ट थी ।वह सभी भारतीयों के दिल में आज भी राज करते हैं। सच में सरदार वल्लभभाई पटेल लोह पुरुष थे।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल उप प्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना।सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। इसका कारण यह है कि नव स्वतंत्र देश में राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संपूर्ण और समझौताहीन थी , जिसके कारण उन्हें ‘भारत का लौह पुरुष’ की उपाधि मिली।जब तक हम अपने देश की सुरक्षा व समृध्दि के प्रति सतर्क और जागरूक नहीं होंगे जब तब तक हम व्यक्तिगत रूप से राष्ट्र की शांति एवं सुरक्षा के प्रति जवाबदार नहीं होंगे तब तक अमन व चैन की उम्मीद करना सिफर रहेगा । राष्ट्र की एकता और अखंण्डता की जिम्मेदारी केवल सीमा पर पेहरा देने वाले हमारे वीर सैनिकों की नहीं है अपितु यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी व महत्वपूर्ण कर्तव्य भी है ।

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